वाराणसीः महादेव की नगरी में सोमवार को देव दीपावली का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया. इसके साथ ही यह देव दीपावली बहुत ही खास रही, क्योंकि यहां पर बहुत कुछ नया हुआ. इस बार रेत पर 7 किलोमीटर दीपक जलाकर देव दीपावली मनाई गई. रेत पर ही विभिन्न प्रकार की आकृतियां बनाई गईं. साथ ही 84 घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए. इसके साथ ही लोगों ने गोबर से बने दीये जलाकर इस देव दीपावली का शुभारंभ किया.
देव दीपावली पर जले गोबर के दीये. पीएम ने दोहराया नारा
प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल का नारा दोहराते हुए कहा कि इस बार दीपावली में देश के लोगों ने स्थानीय उत्पादों के साथ त्योहार मनाया, वह वाकई प्रेरणादाई है. यह सिर्फ त्योहार के लिए ही नहीं, हमारी जिंदगी का हिस्सा भी बनना चाहिए. प्रधानमंत्री के नारे को साकार करते हुए वाराणसी के काशियना फाउंडेशन और अन्य सामाजिक संस्थाओं ने गाय के गोबर से बने दीयों का प्रयोग किया और 1100 दीपक अस्सी घाट पर जलाकर देव दीपावली का शुभारंभ किया.
ऑर्गेनिक दीये जलाने का संदेश
फाउंडेशन के अध्यक्ष सुमित कुमार सिंह ने बताया हम जो दीपक जला रहे हैं, यह बहुत ही खास है क्योंकि यह गोबर के बने हुए दीपक हैं. देव दीपावली के ऐतिहासिक जीत पर आज हम लोगों ने 1100 से अधिक गोबर के दीपक जला कर इस महापर्व का शुभारंभ किया. हम यह संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं कि भारत में अब ऑर्गेनिक दीये भी जलाए जाएं.
मेड इन इंडिया को बढ़ावा
सुमित कुमार ने कहा कि आप सबको पता है कि भारत में मेड इन इंडिया और मेक इन इंडिया की बात चल रही है. दीये को जलने के बाद अगर आप खेत में डालते हैं तो यह खाद के रूप में कार्य करते हैं. खेत को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. यह दीये इको फ्रेंडली हैं.