वाराणसीःविश्व में पहली बारधर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में एक साथ 11,000 वैदिक पंडित परंपरा से कोरोना में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करेंगे. वैश्विक महामारी में कई परिवारों ने अपने परिजनों को खो दिया. वहीं, महामारी मारे गए जिन लोगों का उनके परिजन अंतिम संस्करा नहीं कर पाए, उनके लिए अब ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सामने आए हैं. वाराणसी में सौ रथ तैयार किए जाएंगे, जो पूरे भारत में घूमकर कोरोना दिगवंत लोगों का डाटा इकट्ठा करेंगे.
काशी के विद्यामठ में शंकराचार्य द्वारा OTT56 के डायरेक्टर विभा शर्मा और गौरव तिवारी को कोरोना भागीरथ सम्मान दिया गया. वैश्विक दिवंगत आत्मा के मोक्ष के लिए यह लोग कार्य कर रहे हैं. इसके साथ ही इस कार्यक्रम में सभी को सामने आना चाहिए, ताकि उन आत्माओं को सद्गति मिल सके.
हर धर्म के अनुसार होगी प्रार्थना
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया 'यह जो कोरोना नाम की विशिका हमारे बीच आई थी. उससे पूरे विश्व में न जाने कितने लोगकाल कल्वित हो गए. उनमें से बहुतों का ठीक से अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया. उनकी सद्गति के लिए प्रार्थना करने का विचार है. आगामी 6 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक काशी में श्रीमद्भागवत की कथा और दूसरे जो सत्यगती के उपाय हैं, उन सबका आश्रय हम लोग लेंगे. जो लोग भी उसमें काल गति हुए हैं, उनकी सद्गति के लिए हर कार्य करेंगे. जिस धर्म के लोगों की मृत्यु हुई है, उनके धर्म के अनुसार उनकी प्रार्थना कराई जाएगी.