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वाराणसी में मनाई गई भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की 107 वीं जयंती, लोगों ने मकबरे पर पढ़ी फातिहा - Dargah of Ustad Bismillah Khan

भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की दरगाह फातमान में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 107 वीं जयंती मनाई गई. लोगों ने बड़े ही अकीदत के साथ कब्रगाह पर पुष्प अर्पित किया व उनके छाया चित्र पर माल्यार्पण कर दुआएं मांगी.

भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की कब्रगाह
भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की कब्रगाह

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Published : Mar 21, 2023, 5:44 PM IST

कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय

वाराणसीः जिले के लल्लापुरा क्षेत्र स्थित दरगाह फातमान में मंगलवार को भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के कब्रगाह पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 107 वीं जयंती मनाई गई. भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान फाउंडेशन के तत्वावधान में लोगों ने बड़े ही अकीदत के साथ कब्रगाह पर पुष्प अर्पित किया व उनके छाया चित्र पर माल्यार्पण कर दुआएं मांगी. वहीं, वाराणसी पिंडरा के पूर्व विधायक व प्रदेश कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के कब्र पर फूल माला चढ़ाया.

वहीं, इस संबंध में बात करते हुए शकील अहमद ने बताया कि 'हम लोगों ने भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की 107 वीं जयंती दरगाहे फातमान पर उनके मकबरे पर बड़े ही सादगी से मना रहे हैं. उन्होंने अपना जीवन बड़ी ही सादगी से व्यतीत किया. यहां पूर्व विधायक कांग्रेस के अजय राय भी आए हुए हैं, जो कि हर वर्ष यहां आते रहे हैं. अगर उनका किसी कारणवश आना नहीं होता है तो उनका कोई न कोई प्रतिनिधि जरूर मौजूद रहता है. आज हम लोगों ने यहां कब्र पर फूल माला चढ़ाया व फातिहा पढ़ा और कुरानखानी भी हुई.

वहीं, उन्होंने कहा कि यह बड़े अफसोस कि बात है कि सीएम योगी आदित्यनाथ का 100 से ज्यादा बार वाराणसी दौरा रहा है. वहीं, प्रधानमंत्री का भी उनके संसदीय क्षेत्र में आगमन रहता है. ऐसे में हम चाहते हैं कि हमारे प्रधानमंत्री व सबसे बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री जी एक बार उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के परिवार के लोगों से मिलें व यहां उस्ताद साहब का मकबरा 2017 से बना है यहां भी आएं.

वहीं, इस संबंध में बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की जयंती पर प्रत्येक वर्ष हम सब काशीवासी यहां आते हैं और श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं. ऐसे महान शख्स को हम काशी के लोग याद करते हैं. उन्होंने डुमराव में जन्म लिया और पूरे काशी को अपना कार्य क्षेत्र बनाया. यहां मां गंगा के तट पर रियाज करते थे और काशी के लोगों के बीच हमेशा रहे. ऐसी महान सख्सियत को याद करके हम लोग अपने आप जो गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

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