उन्नाव:जिले के सरकारी महकमों में लगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बदहाल हैं. प्रशासनिक अमले ने भी इस तरफ ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी. एक आंकड़े के मुताबिक 200 वर्ग मीटर में बना रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम साल भर में 20 लाख लीटर पानी धरती में संजो लेता है.
घरों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने को लेकर अनुदान की भी सुविधा है, लेकिन उसके बाद भी घरों में इस सिस्टम को नहीं लगाया जा रहा है. दिन-प्रतिदिन जिले में धरती सूखती जा रही है. जल स्तर गिरकर 200 फुट से नीचे पहुंच गया है. हालात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपंप काम करना बंद कर दिए हैं.
रेन वाटर हार्वेस्टिंग उन्नाव में बदहाल. वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बदहाल-
- 10 साल पहले सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने का निर्देश परित हुआ.
- उन्नाव के सरकारी महकमे में पानी को बहाया जा रहा है.
- पानी को सहेजने के लिए अभी तक कोई सरकारी इंतजाम नहीं किया गया.
- कलेक्ट्रेट निराला प्रेक्षागृह और विकास भवन में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए.
- लगाए गए वाटर हार्वेस्टिंग खराब हो गए और पानी नालियों में बहने लगे.
वाटर हार्वेस्टिंग के लाभ-
- वाटर हार्वेस्टिंग से पानी संचित किया जाता है.
- पानी संचित करने से 2.5 हजार घरों के लिए पूरे साल पानी मुहैया कराया जा सकता है.
- शहर में हर व्यक्ति को 120 लीटर पानी की जरूरत है.
- 70 लीटर उसके द्वारा नहाने और अन्य वजहों से बर्बाद कर दिया जाता है.
- हर व्यक्ति के जरूरत के हिसाब से केवल 20 लीटर पानी पर्याप्त है.
- जिला मुख्यालय परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगा दिया जाए तो उससे पानी की बचत होगी.
रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए प्रधानमंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री का निर्देश है कि इस पानी को संचय किया जाए. हम लोग रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. ऑफिसों में बने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम फेल हो गए हैं उनको फिर से दुरुस्त कराकर चालू कराया जाएगा. हम लोग जिले के तहसील और ब्लॉक पर भी इस सिस्टम को बनवाने का प्रयास कर रहे हैं.
-प्रेम रंजन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी