उन्नाव: दहेज प्रथा के खिलाफ सरकार लगतार अभियान चला रही है और इसे रोकने के साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए भी समय समय पर कार्यक्रम करती है. बावजूद इसके दहेज प्रथा हमारे समाज के लिए एक अभिशाप बनी हुई है. आये दिन दहेज के लिए बेटियों को परेशान करने और जान तक लेने के मामले सामने आते हैं, लेकिन दहेज प्रथा का दानव थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बीच उन्नाव के एक गांव से मन को तसल्ली देने वाली खबर सामने आई है, जहां के स्थानीय लोगों ने अपने गांव को दहेज मुक्त गांव बना दिया है.
सभी शादियां हो रहीं दहेज मुक्त
इस गांव में होने वाली सभी शादियां दहेज मुक्त होती हैं. फिर चाहे गांव की किसी बेटी की शादी हो या फिर गांव के लिए बेटे की शादी. इस गांव की बेटियों की शादी में न ही दहेज दिया जाता है और न ही बेटों को शादी में दहेज लिया जाता है. इस गांव के लोगों ने अपने घरों के बाहर दहेज मुक्त आवास का बोर्ड लगा रखा है और गांव के बाहर दहेज मुक्त गांव का बोर्ड. करीब 500 की आबादी वाले इस गांव में जब लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दहेज एक सामाजिक कुप्रथा है. इसे खत्म करने के लिए हम सभी को खुद आगे आना होगा और इसकी शुरुआत हमारे इस गांव से हो चुकी है.
अच्छी पहल: यूपी के इस गांव की बेटियां बिना दहेज होती हैं विदा, बेटे भी जुड़े इस अभियान से
उन्नाव जिले का सेवा खेड़ा गांव शायद देश का पहला ऐसा गांव होगा जहां न ही दहेज लिया जाता है और न ही दहेज दिया जाता है. जी हां, उन्नाव के बिछिया ब्लॉक का एक छोटा सा गांव सेवा खेड़ा, जो आज पूरे देश के सामने मिशाल बनकर खड़ा है. इस गांव के लोगों ने मिलकर अपने गांव को दहेज मुक्त बनाया है.
जबरदस्त उत्साह
ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में इस गांव में तैनात ग्राम विकास अधिकारी पुत्तन लाल पाल ने लोगों को जागरूक करने का काम किया है. पुत्तनलाल पाल के सामाजिक संस्था भी चलाते हैं जिसका नाम नवयुग जन चेतना समिति है, जिसके बैनर तले इस तरह के कार्यक्रम कर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जाता है. इसी सामाजिक संस्था ने इस गांव के सभी लोगों को इस कुप्रथा के खिलाफ जागरूक किया और यह भी समझाया कि दहेज एक सामाजिक बुराई है जिसे रोकना जरूरी है.
मुहिम ला रही रंग
सालों की मेहनत का परिणाम आज हमारे आपके सामने है और इस गांव के लोग दहेज के खिलाफ होकर अपने गांव को दहेज मुक्त गांव बना चुके हैं. अब इस गांव के लोग अपने आस पास के गांवो के लोगों को भी जागरूक कर उन्हें भी इस कुप्रथा के खिलाफ जागरूक करने में जुटे हुए हैं.