उन्नाव:बेहटा मुजावर थाना क्षेत्र के एक गांव की किशोरी अपनी बुआ के लड़के के साथ चली गई थी. किशोरी के पिता ने शक के आधार पर गांव के ही एक छात्र के खिलाफ किशोरी को ले जाने की तहरीर दे दी. बेहटा पुलिस ने बिना जांच किए छात्र को 3 दिन तक एक कमरे में बंधक बनाए रखा. आरोप है कि मोटी रकम लेने के बाद भी बेहटा पुलिस ने छात्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया. किशोरी की बरामदगी के बाद छात्र ने एसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा को तहरीर देकर बेहटा पुलिस के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की.
बता दें कि बेहटा मुजावर थाना क्षेत्र का एक गांव निवासी दलित युवक क्षेत्र के एक महाविद्यालय में बीए प्रथम वर्ष का छात्र है. पिता दिव्यांग हैं. इसलिए आर्थिक तंगी के कारण छात्र मजदूरी कर परिजनों का पेट पालता है और साथ ही पढ़ाई भी करता है. छात्र के मुताबिक, गत 12 फरवरी को गांव से एक 17 वर्षीय किशोरी रहस्यमय ढंग से लापता हो गई थी. किशोरी के परिजन ने उसको नामजद करते हुए बेहटा थाने में तहरीर दी थी. तहरीर के आधार पर अगले दिन 13 फरवरी को बेहटा थाने के दारोगा रोहित पांडेय छात्र के घर पहुंचे और उसकी मां से उसके संबंध में पूछा. मां ने बताया कि वह हरदोई के कस्बा माधौगंज स्थित अपनी बहन के घर गया है.
दारोगा रोहित पांडेय ने छात्र का मोबाइल नंबर लिया और फोनकर तुरंत थाने बुलाया. दारोगा के बुलाने पर वह थाने पहुंच गया. थाने पहुंचने पर दारोगा ने उससे फरार किशोरी के संबंध में जानकारी की. इस पर उसने इस तरह की किसी भी घटना की जानकारी होने से इनकार किया. इसके बाद दारोगा ने अपने निजी कमरे में छात्र को 3 दिन तक बंद रखा. 3 दिन उत्पीड़न करने के बाद छोड़ने के एवज में दारोगा ने 50 हजार रुपये की मांग की. जेल जाने के डर से छात्र की मां ने जेवर बेचकर बमुश्किल 35 हजार रुपये जुटाए और एक शख्स के हाथों दारोगा को भिजवाए. इसके बाद दारोगा ने छात्र को छोड़ दिया और हिदायत दी कि 15 दिन तक गांव छोड़कर कहीं नहीं जाना.