उन्नाव:जिले के बीघापुर क्षेत्र के कपूरपुर गांव से केबीसी के मंच तक पहुंचने वाली नूपुर पर सभी को नाज है. गांव से लेकर जिले तक जिले से लेकर प्रदेश तक हर कोई नूपुर की कामयाबी की बात कर रहा है. कौन बनेगा करोड़पति शो में बिग बी के सामने बैठकर नूपुर ने 12 सवालों के जवाब देकर 12.50 लाख रुपये जीते.
नूपुर ने केबीसी में जीते 12.50 लाख. नूपुर की सफलता एक गवाही भर नहीं बल्कि एक मिसाल है
बेहद सामान्य परिवार में जन्मी दिव्यांग नुपूर चौहान का अब तक सफर बेहद कठिन और संघर्ष भरा रहा है, लेकिन नूपुर ने इन सबके आगे हार नहीं मानी. नूपुर ने हौसले के बल पर उन सभी चुनौतियों को स्वीकार किया, और नूपुर ने उसी हौसले के बल अपनी बुलंदियों के झंडे गाड़ दिये. ये नूपुर की इच्छा शक्ति और मजबूत हौसले की गवाही भर नहीं हैं, बल्कि एक मिसाल है. बेटी की इस कामयाबी पर मां कल्पना सिंह कहती हैं कि मेरा सपना था कि मेरी बेटी एक दिन वो मुकाम हासिल करे, जिसकी लोग प्रशंसा करें.
बीघापुर तहसील के कपूरपुर गांव की रहने वाली है नूपुर
जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर बीघापुर तहसील के छोटे से गांव कपूरपुर निवासी किसान रामकुमार सिंह व गृहणी कल्पना सिंह की बेटी नूपुर सिंह चौहान की दास्तां जितनी दुखभरी है, उतनी ही हर किसी को प्रेरित करने वाली भी.
कानपुर के अस्पताल से शुरू हुई नूपुर की दर्द भरी कहानी
नूपुर की जिंदगी की कहानी कानपुर के एक अस्पताल से शुरू होती है. आज से 29 साल पहले कानपुर के एक अस्पताल में डॉक्टरों ने सीजर ऑपरेशन के बाद जिस नूपुर चौहान को पैदा होते ही मृत घोषित कर कूड़े के डस्टबिन में फेंक दिया था. वही नूपुर आज अपनी मौसी की समझदारी से परिवार का मान व अभिमन बनी है, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही ने नूपुर को पैरों से दिव्यांग बना दिया, फिर भी बड़े दिल वाली नूपुर ने कहा कि डॉक्टरों की कोई गलती नहीं है. इंटरमीडिएट परीक्षा मेरिट में पास करने के साथ ही, 2016 में पहले ही प्रयास में बीएड प्रवेश परीक्षा भी पास की.
नूपूर ने बताई अपनी सफलता की कहानी
नूपर एक मेधावी छात्रा होने के साथ ही शिक्षक भी हैं, और 30 से अधिक प्ले ग्रुप व 10 वीं क्लास के बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाकर शिक्षा का उजियारा भी फैला रही हैं. नूपुर चौहान ने बताया कि मेरी मां का सपना था कि कौन बनेगा करोड़पति के शो में मैं पहुंचूं. जिसके लिए मैंनें मई 2018 में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया. इसके बाद टेलिफोनिक इंटरव्यू हुआ, जिसे मैंने पास किया. 8 जून को बिरला ओपन माइंड स्कूल में दूसरा ऑडिशन हुआ. उसे भी मैंने कंपलीट किया. 23 जुलाई को कॉल आई की मुंबई में आपका ऑडिशन होगा. 4 अगस्त को मुंबई पहुंची और ऑडिशन पूरा कर, हॉट सीट तक पहुंची. नूपुर कहती हैं कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं केबीसी तक पहुंचकर और यह मुकाम हासिल करूंगी. बेटी ने सफलता का श्रेय अपने माता पिता को दिया है.
नूपुर ने युवाओं को दिया संदेश
नूपुर युवाओं से कहती हैं... पढ़िये...कहानी किताबों से ही बदलती है, जैसे मेरे लिए बदली है, हो सकता है, वैसे ही आपके लिए भी बदले...मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं..जब आप किसी दिव्यांग व्यक्ति को देखें तो उसका उतना ही सम्मान करें...जितना आज आप मेरा कर रहे हैं.
नूपुर की मां ने बताई जन्म की कहानी
नूपुर चौहान की मां ने जो कहनी बताई, वो हैरान करने वाली है. बताया कि जब वो पैदा हुई तो उसे सर्जिकल औजार लग गए थे. ऑपरेशन के वक्त और वो रोई नहीं, डॉक्टरों ने कहा मृत है और डस्टबिन में फेंक दिया. इसके बाद नूपुर की नानी ने उसकी मौसी नीलम सिंह से कहा की नर्स से कहो कि बच्ची को साफ करके, थपथपाओ शायद इसकी सांसे चल जाएं और वही हुआ, नूपुर रोने लगी, लेकिन वो रोई तो 12 घंटे तक रोती ही रही. वो मरी नहीं थी बस उनके शरीर में ऑक्सीजन की कमी थी. बाद में डॉक्टर्स ने बताया कि टिटनेस हो गया है. आपका बच्चा बचेगा नहीं.
नूपुर ने मां से किया था केबीसी में पहुंचने का वादा
इस दौरान डॉक्टर लक्ष्मी निगम के इलाज से जिंदगी मिल गई. दो साल तक नूपुर सामान्य बच्चों से अलग रही. जिसके बाद डॉक्टर ने बताया कि ये स्पेशल चाइल्ड है. नूपुर की मां ने कहा कि उसका शरीर जरूर दिव्यांग है, लेकिन दिमाग सामान्य है. एक बार कौन बनेगा करोड़पति का शो टीवी पर सभी लोग देख रहे थे. तब मैंने नूपुर से पूछा था कि यहां तक कैसे पहुंचा जाता है. नूपुर ने कहा था एक दिन मैं केबीसी के टीवी शो में पहुंचकर आपका सपना सच साबित करूंगी, जिसे नूपुर ने कर दिखाया है. नुपूर मेरा अभिमान है. कहा कि दिव्यांग बच्चों की परवरिश में कोई कमी नहीं करनी चाहिए.