उन्नाव: जिले के विकास भवन स्थित सभागार में जल संरक्षण को लेकर बैठक की गई. बैठक में जिलाधिकारी ने समस्त अधिकारियों को जल संचयन करने के लिए ‘‘वर्षा जल है जीवन-धारा, इसका संचयन संकल्प हमारा‘‘ की शपथ दिलाते हुए अनेकों सुझाव दिए.
उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ते इस जल संकट की भयावहता को रोकने के लिये हम सभी को सामूहिक रूप से छत पर गिरने वाले वर्षा जल को एकत्र करके पृथ्वी रूपी घड़े में संचित करने की पूरी कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम सभी को यह प्रण करना है कि अनावश्यक पानी व्यर्थ न करें और वर्षा जल को दूषित होने से बचाकर संग्रह करने की कोशिश करें.
डीएम ने कहा कि सिंचाई मुख्य रूप से भूजल संसाधनों पर ही निर्भर है. साथ ही अधिकांश पेयजल योजनाओं एवं औद्योगिक क्षेत्रों में भी जल आवश्यकताओं की पूर्ति मुख्य रूप से भूजल से ही होती है. इसलिए जल को व्यर्थ न बहाएं. जिलाधिकारी ने सहायक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमोद कुमार तिवारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जल संचयन के लिये एक कार्य योजना बनाकर कार्य करने की जरूरत है.
उन्होंने जल संचयन के कार्य को आन्दोलन के रूप में चलाने के निर्देश दिए. डीएम ने कहा कि हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के लिये पैसा बचाने से बेहतर होगा कि हम अपनी पीढ़ी के लिये जल का संचयन करें. जिलाधिकारी ने सहायक अभियंता लघु सिचांई को हर विभाग से सम्पर्क स्थापित कर कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कार्य योजना के अनुसार ही कार्य संपादि किए जाने चाहिए.