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उन्नाव: दो विभाग के टकराव में फंसी 'मुख्यमंत्री निराश्रित-गोवंश सहभागिता योजना'

यूपी के उन्नाव जिले में दो विभागों की कशमकश के चलते गोवंशों को सुरक्षित गौशाला में रखने की सीएम की महत्वाकांक्षी योजना दम तोड़ती नजर आ रही है, जिसके चलते सड़कों पर खुलेआम घूम रहे आवारा पशु राहगीरों के लिए हादसे का सबब बन रहे हैं.

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Published : Aug 31, 2019, 3:10 PM IST

दो विभाग के टकराव में फसी मुख्यमन्त्री की महत्वाकांक्षी योजना

उन्नाव:किसानों की बर्बाद कर रहे फसल और सड़क दुर्घटनाओं की वजह बन रहे सड़कों पर आवारा घूम रहे गो वंशीय पशुओं को सुरक्षित गौशाला में रखने की सीएम की महत्वाकांक्षी योजना जिले में दो विभागों के आपसी टकराव की वजह से परवान नहीं चढ़ पा रही है. जिसका नतीजा यह है कि सड़कों पर घूम रहे आवारा जानवर रोजाना हादसों की वजह बन रहे है. वहीं योजना को प्रभावी बनाने की जिम्मेदारी लिए पशु पालन विभाग के अधिकारी इसके लिये नगरपालिका पर ठीकरा फोड़ रहे हैं.

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सीएम की महत्वाकांक्षी योजना दो विभागों के टकराव से तोड़ रही दम
सड़कों से आवारा गोवंशों को गौशाला में पहुंचाने का दावा करने वाले सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की उम्मीदों को उन्नाव के अधिकारी पलीता लगा रहे हैं, क्योंकि जिले की सड़कों और चौराहों पर आवारा पशुओं का झुंड मुख्यमन्त्री के दावों की पोल खोल रहा है. दरअसल सीएम की ये महत्वाकांक्षी योजना दो विभागों के टकराव में दम तोड़ रही है. जिसमें एक तरफ जहां पशुपालन विभाग है तो वहीं दूसरी तरफ नगरपालिका है.

विभाग एक दूसरे के ऊपर डाल रहे हैं आवारा पशुओं को पकड़ने की जिम्मेदारी
वहीं पशुपालन विभाग के अधिकारी जहां सड़कों पर मवेशियों के लिए नगरपालिका को जिम्मेदार बता रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ नगरपालिका के अधिकारी जानवरों को पकड़कर कांजी हाउस ले जाने का दावा कर रहे है लेकिन साथ ही पशुओं के भरण पोषण के लिए बजट न मिलने का भी रोना रो रहे है हालांकि पशुपालन विभाग के अधिकारी सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को पालतू बता रहे है और उनके मालिकों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.

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