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ओपन जिम में करोड़ों के हेरफेर की सुगबुगाहट, जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश

उन्नाव में कम्पोजिट ग्रांट घोटाले का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि उन्नाव के लापरवाह अधिकारियों कि ओपन जिम के रूप में एक और कारगुजारी सामने आ गई. आपको बता दें कि ओपन जिम जनपद कि 204 ग्राम पंचयतों में बननी थी, जिसको लेकर डीसी एनआरएलएम (NRLM) ने डीपीआरओ और डीसी मनरेगा द्वारा बनाया गया 1,52,000 रुपये के इस्टीमेट दरकिनार करते 2,36,880 रुपये का इस्टीमेट बना कर उसी पर भुगतान भी करवा दिया.

जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश
जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश

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Published : Nov 20, 2021, 11:41 AM IST

उन्नाव: अधिकारी भ्रष्टाचार करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं, ताजा मामला सामने आया है, जहां जनपद की 204 ग्राम पंचायतों में ओपन जिम बनाने के नाम पर जमकर वित्तीय अनियमितता की गई. वित्तीय अनियमितता के साथ ही जमकर मानकों की अनदेखी की गई. आपको बता दें कि ओपन जिम जनपद कि 204 ग्राम पंचयतों में बननी थी, जिसको लेकर डीसी एनआरएलएम (NRLM) ने डीपीआरओ और डीसी मनरेगा द्वारा बनाया गया 1,52,000 रुपये के इस्टीमेट दरकिनार करते 2,36,880 रुपये का इस्टीमेट बना कर उसी पर भुगतान भी करवा दिया.

डीपीआरओ और डीसी मनरेगा द्वारा बनाये गए इस्टीमेट के आधार पर ही जिम बनाने हेतु उपकरणों की खरीद की जानी थी. टेंडर की प्रक्रिया में भी नियमों को जमकर ताक पर रखा गया. दो लाख रुपये से ज्यादा की खरीद के लिए जिस पोर्टल से खरीद की जानी थी, लेकिन इस बात को भी नजरअंदाज किया गया. अधिकारी इतने बेफिक्र थे कि बिना ग्राम प्रधानों की जानकारी के इस कार्ययोजना में शामिल कर लिया गया. कार्ययोजना में शामिल करने के लिए ग्राम पंचायत की बैठक में इसका कोई प्रस्ताव भी नहीं पास किया गया. हालाकिं मामले में डीएम ने जांच करवाने की बात कही है और जांच में दोषी पाए जाने के बाद एफआईआर करवाने की भी बात जिलाधिकारी ने कही है.

जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश



दरअसल उन्नाव की 204 ग्राम पंचायतों में ओपन जिम बनाई जानी थी, जिसको लेकर मनरेगा और जिला पंचायती राज विभाग द्वारा कार्य करवाना था, जिसको लेकर डीसी मनरेगा और डीपीआरओ ने ओपन जिम का एक इस्टीमेट भी बनाया था, जो 1,42,000 रुपये का था, इन दोनों अधिकारियों द्वारा बनाये गए इस इस्टीमेट में कमाई होती न देख अधिकारियों ने डीसी एनआरएलएम से एक दूसरा इस्टीमेट तैयार करवाया जो 2,36,860 रुपये की बढ़ी हुई कीमत का था. दरअसल ओपन जिम बनाने में जिला पंचायतीराज विभाग को मनरेगा के कन्वर्जन से बनाने की जिम्मेदारी मिली थी, लेकिन पंचायतीराज विभाग द्वारा बनाये गए इस्टीमेट को दरकिनार कर ओपन जिम के उपकरणों की खरीद की जा रही है.

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ओपन जिम के उपकरणों की खरीद को पंचायतों की कार्ययोजना में शामिल नहीं किया गया. मशीनों की खरीद के नाम पर डीपीआरओ के बनाये गए इस्टीमेट से 84880 रुपये बढ़ा दिए गए, और बढे़ हुए दामों के आधार पर ही ग्राम पंचायतों से पंचायतीराज विभाग के ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर डोंगल लगा कर भुगतान भी करवा दिया गया. ओपन जिम बनाने में विभागीय जिम्मेदारी बदले जाने से लेकर पहले भुगतान बाद में सामग्री आपूर्ति तक का खेल किया गया. सरकारी धन के बंदरबांट की इतनी जल्दी थी कि दर्जनों ग्राम पंचायतों में पूरा भुगतान भी कर दिया गया.

ओपन जिम के उपकरण आपूर्ति करने में कानपुर, लखनऊ, बाराबंकी की फर्मों की जिम्मेदारी थी लेकिन आपूर्ति की गई सामग्री पर मेरठ में निर्माण होने की जानकारी अंकित है. मामले में जब जिलाधिकारी से बात की गई उन्होंने मामले जांच की बात कही और जांच में दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों पर कार्रवाई करवाने की बात कही है, साथ ही दोषी कर्मियों पर एफआईआर करवाने की भी बात डीएम ने कही है.

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