उन्नाव: सरकार ने सौ दिन में कराए जाने वाले कार्य को सभी जिलों के अधिकारियों को एक टारगेट दिया था. लेकिन कई अधिकारियों ने इसको गंभीरता से नहीं लिया. लापरवाही की लिस्ट में उन्नाव के भी अधिकारी शामिल है. उन्नाव सीडीओ ने विकास कार्यों की समीक्षा की तो इसकी पोल खुली. पीएम आवास योजना को लेकर लाभार्थी का पंजीकरण कराने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन अलग -अलग विकास खण्ड के पांच सचिवों ने एक भी पंजीकरण नहीं कराया. समीक्षा में लापरवाही उजागर होने पर मुख्य विकास अधिकारी दिव्यांशु पटेल ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं.
प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister's Housing Scheme) (ग्रामीण) के अन्तर्गत बीते चार जुलाई को उन्नाव के समस्त विकास खण्डों की गूगल मीट के माध्यम से परियोजना निदेशक डीआरडीए उन्नाव ने एक समीक्षा बैठक की थी. जिसमें खण्ड विकास अधिकारी सुमेरपुर, सिकन्दरपुर करन, हसनगंज, सिकन्दरपुर सरोसी से लक्ष्य के सापेक्ष किसी भी लाभार्थी का पंजीकरण नहीं कराया गया.
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ग्राम पंचायतों के पंजीकरण प्रपत्र फीडिंग खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत नहीं किए. जब इसके सम्बन्ध में जानकारी की गई तो पाया गया कि खण्ड विकास अधिकारी पूनम यादव सिकन्दरपुर करन, ब्रजेश यादव सुमेरपुर, साजिद रिजवी सुमेरपुर, दीपक गौतम, सुमेरपुर ओर मोहित कुमार हसनगंज, प्रेम सिंह सिसरोसी, हेमन्त कुमार सिसरोसी, कल्पना सि सरोसी, ऋषि गुप्ता सि.सरोसी की आवंटित ग्राम पंचायतों में लाभार्थियों के पंजीकरण में लक्ष्य के सापेक्ष पूर्ति की प्रगति शून्य मिली.
लापरवाही पाए जाने पर मुख्य विकास अधिकारी दिव्यांशु पटेल (Chief Development Officer Divyanshu Patel) ने पांच विकास खण्ड सचिवों को निलंबित कर दिया. शासन द्वारा जो भी योजनाएं संचालित की जा रही हैं. खराब प्रगति को लेकर लगातार चेतावनी ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी को दी जा रही थी. इसी संबंध में प्रधानमंत्री आवास योजना में पीडी डीआरडीए द्वारा समीक्षा की गई उसमें ग्राम विकास अधिकारियों के क्षेत्र में कोई भी आवास का पंजीकरण ना होना पाया गया था.
इस संबंध में रिपोर्ट ली गई. स्पष्टीकरण लिया गया और आखिर में उनको दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया गया. इसी क्रम में मनरेगा के तहत जनपद में कार्रवाई की जा रही है. गंज मुरादाबाद में एक एपीओ की बर्खास्तगी के लिए सेवा की समाप्त के लिए यहां से फाइल जिलाधिकारी संतुति हेतु भेजी जा चुकी है. अन्य भी व्यक्ति जो मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास जैसी योजनाओं में कुछ नहीं लेते हैं. वह गलत बयान बाजी कर रहे हैं. वह गलत रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहे हैं. उनकी सेवा समाप्त हुआ रिकवरी के लिए लगातार कार्रवाई की जाएगी.
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