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उन्नाव: मिट्टी के सामान की बिक्री में हुआ इजाफा, कुम्हारों में खुशी की लहर

उत्तर प्रदेश में जहां कहीं मिट्टी पर हाथ फेर कर मनचाहा आकार देने मे माहिर कुम्हार तंगहाली में जिन्दगी गुजारने को मजबूर हैं. वहीं, उन्नाव के कुम्हारों में काम को लेकर खुशी की लहर है. उनका कहना है कि इस साल उनके मिट्टी के सामान की बिक्री में इजाफा हुआ है.

मिट्टी के सामान की बिक्री में हुआ इजाफा

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Published : Oct 26, 2019, 12:21 PM IST

उन्नाव:मेड इन चाइना लाइटों और आकर्षक मोमबत्तियों के बाजारों में आने से मिट्टी के बने दीपकों की मांग घट गई है, जिसके चलते प्रदेश में जहां कुम्हार परेशान है. वहीं जिले के कुम्हारों में काम को लेकर खुशी की लहर है. उनका कहना है कि इस साल उनके मिट्टी के सामान की बिक्री में इजाफा हुआ है. सामान आसानी से बिक जा रहा है, जिसके चलते उनकी दिवाली में भी खुशी का माहौल होगा.

मिट्टी के सामान की बिक्री में हुआ इजाफा.
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खनन पर रोक लगाने के बाद चोरी से मिल रही मिट्टी की बढ़ती कीमतों और जमाने के बदलते चलन ने कुम्हारों की चाक की रफ्तार धीमी कर दी है. रोशनी के पर्व दीपावली में चाइना लाइटों और आकर्षक मोमबत्तियों के बाजारों में आने से मिट्टी के बने दीपकों की मांग घट गई है, जिससे इन लोगों के सामने रोजी-रोटी के लिए संकट खड़ा हो गया है. पिछले साल जहां प्रति 100 मिट्टी के दियों की कीमत 50 रुपये थी. वहीं इस बार दियों की कीमत 100 रुपये प्रति 100 हो गई है.

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आज बाजारों में चाइना की बनी लाइटों और मोमबत्ती की मांग बढ़ गई है, क्योंकि ये लाइटें और मोमबत्ती उन दीयों की लागत से कम पर मिल जाते हैं. कभी मिट्टी के ये दिये ही घर में दीपावली की उजेली छटा बिखेरने का एक मात्र साधन थे, लेकिन लाइटों ने इन दीयों की छटा को कम कर दिया है. दीपावली को एक-दो दिन ही बाकी हैं, कुम्हार जी-जान से अपने धंधे में व्यस्त हैं, उनके शरीर में थकान तो है पर फिर भी आंखो में इस बात की चमक है कि शायद इस बार मां लक्ष्मी उनके घर पधारें.

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