उन्नाव:जिला महिला चिकित्सालय की हालत किस तरह खराब है. इसकी बानकी वहां के आंकड़े दे रहे हैं. मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल में क्रमशः 17, 11, 11 और 11 मौतें हुई हैं, जो स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करती हैं. आखिर स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी, फरवरी में आए मौत के आंकड़ों के बाद भी कारगर कदम क्यों नहीं उठाया. क्या स्वास्थ्य विभाग और मौतों का इंतजार कर रहा था.
उन्नाव के जिला महिला अस्पताल पर क्यों उठे सवाल?
यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था किस तरह बदहाल है, इसका जीता-जागता उदाहरण उन्नाव के जिला महिला चिकित्सालय में देखने को मिला. जहां पिछले महीने 11 बच्चों की मौत का आंकड़ा सामने आया है, जो एक चिंता का विषय बना हुआ है.
उन्नाव का जिला महिला चिकित्सालय.
सुलगते सवाल
- जनवरी, फरवरी में 17 और 11 मौत के बाद क्यों नहीं चेता स्वास्थ्य विभाग.
- क्या स्वास्थ्य विभाग मार्च और अप्रैल में मौत होने का इंतजार कर रहा था.
- अगर संक्रमण से मौतें हुईं तो स्वास्थ्य विभाग ने समय रहते कारगर कदम क्यों नहीं उठाए.
- क्या ये मान लिया जाए कि उन्नाव जिला महिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं का सही ढंग से उपयोग नहीं होता.
- आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है.
वहीं उन्नाव महिला जिला चिकित्सालय की सीएमएस डॉ. अंजू दुबे ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि यहां पिछले महीने में 11 मौतें हुई हैं, जो अन्य महीनों की अपेक्षा कम हैं. उन्होंने मौत का कारण बताते हुए कहा कि यह मौतें समय से पहले डिलीवरी और संक्रमण है. सवाल उठता है आखिर ये संक्रमण क्यों और कैसे फैलता है. क्या स्वास्थ्य विभाग संक्रमण फैलने से रोकने में नाकाम है, जबकि प्रदेश के सीएम योगी का मुख्य फोकस देश की चिकित्सा पर ही है.
Last Updated : May 25, 2019, 3:47 PM IST