उन्नाव: ये तस्वीर है, उन्नाव शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित असोहा पुलिस थाने की. यहां 1905 में ब्रिटिश हुकूमत में बनी पुलिसकर्मियों की आवासीय बिल्डिंग वक्त के साथ अब जर्जर हो चुकी है. यहां पुलिसकर्मी मौत की छत के नीचे रहने को मजबूर हैं. गिरते प्लास्टर और बारिश में टपकती बूंदों के बीच दहशत में रहकर पुलिसकर्मी यहां रात गुजारने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं बारिश में तो पुलिसकर्मियों के खाने तक का इंतजाम नहीं हो पाता.
उन्नाव: न हुकूमत, न चिंता हुक्मरानों को, मौत के साये में सो रहे पुलिसकर्मी
यूपी के उन्नाव में एक ऐसा पुलिस स्टेशन है, जहां पुलिसकर्मी मौत के साये में जीने को मजबूर हैं. सवाल उठता है कि क्या पुलिस महकमा किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है.
ब्रिटिश शासन में बने पुलिस बैरक भवन की मरम्मत को न तो हुकूमत को चिंता है न ही हुक्मरानों को.आलम ये है कि समाज को सुरक्षित रखने वाले पुलिसकर्मी खुद ही असुरक्षा में जीने को मजबूर हैं. और हों भी क्यों न..हक़ की आवाज उठाएंगे तो विभागीय कार्रवाई के राडार पर होंगे. इस तरह जवान खौफ के साए में रहने को मजबूर हैं.
एसपी ने बताया कि जवानों की इस समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा. बारिश होने से दीवार के प्लास्टर गिर रहे हैं. जल्द ही भवन की मरम्मत कराई जाएगी. क्षतिग्रस्त भवनों के नीचे रहने से हमने इंस्पेक्टर से बात करके मना करा दिया है कि कोई भी जवान क्षतिग्रस्त भवन के नीचे नहीं रहेगा. सवाल उठता है कि आखिर समस्या का समाधान होगा कब...क्या पुलिस महकमा किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है.