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उन्नाव: आर्थिक लाभ के कारण यहां 6 दिन बाद होता है रावण दहन - people celebrate ravan dahan after six days in unnao

उन्नाव में विजय दशमी के पर्व पर 6 दिनों बाद पूर्णमासी के दिन रावण का दहन किया जाएगा. इसकी खास बात ये है कि हर साल पूर्णमासी को होने वाले रावण दहन के पीछे कोई धार्मिक वजह नहीं बल्कि व्यापारियों के आर्थिक लाभ के चलते ऐसा करने का फैसला लिया गया है.

आर्थिक लाभ के कारण यहां 6 दिन बाद होता है रावण दहन

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Published : Oct 8, 2019, 6:32 PM IST

उन्नाव: विजयदशमी के पर्व पर जहां एक तरफ पूरे देश में रावण का दहन कर लोग असत्य पर सत्य की जीत का पर्व मना रहे हैं, वहीं उन्नाव में धर्म के नाम पर किये जा रहे धंधे के चलते विजय दशमी का पर्व 6 दिनों बाद पूर्णमासी के दिन रावण का दहन किया जाएगा. खास बात ये है कि हर साल पूर्णमासी को होने वाले रावण दहन के पीछे कोई धार्मिक वजह नहीं बल्कि व्यापारियों के आर्थिक लाभ के चलते ऐसा करने का फैसला लिया गया है.

आर्थिक लाभ के कारण यहां 6 दिन बाद होता है रावण दहन

व्यापारियों द्वारा धर्म के नाम पर किये जा रहे धंधे को लेकर स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है, लोग इसे आस्था के साथ खिलवाड़ बता रहे हैं.

आर्थिक लाभ के चलते उठाया गया ये कदम
जिले में पूर्णंमासी यानी 13 अक्टूबर को रावण का दहन किया जाएगा, इसकी खास बात ये है, कि धर्म के नाम पर धंधा चमकाने की कोशिशों में जुटे व्यापारियों ने अपने फायदे के लिए इस अनूठी परंपरा की नींव डाली है. धर्म के साथ हो रहे इस खिलवाड़ के पीछे रामलीला कमेटी की तरफ से दी जा रही दलीलों की माने, तो कानपुर और लखनऊ के बीच बसे होने की वजह से जिले में दशहरे के दिन, रावण दहन पर मेले में भीड़ नहीं लगती थी. जिस कारण दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ रहा था, इसी वजह से रावण का दहन पूर्णमासी को किये जाने की परंपरा की गई है.

वहीं धंधे के नाम पर धर्म के साथ किये जा रहे इस खिलवाड़ को लेकर स्थानीय लोगों मे खासा आक्रोश है. लोगों की माने तो फायदे के लिए उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. लोग इस परंपरा के विरोध में हैं, उनका मानना है कि विजयदशमी के दिन ही रावण जलना चाहिए.

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