उन्नाव:कहते हैं जल ही जीवन होता है, लेकिन उन्नाव में वही जल लोगों के लिए अभिशाप बन गया है. जी हां जिले की लेदर इंडस्ट्री और बूचड़खाने की वजह से भूमिगत जल पूरी तरह जहरीला हो चुका है. इस दूषित जल के कारण लोगों की जिंदगियां तबाह हो रही है. हालात यह है कि हैंडपंपों से अब पीला पानी निकल रहा है और लोग इसी पीले पानी को पीकर कई खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.
जांच में 1492 बस्तियों के लिए गए थे सैंपल
खास बात यह है कि इस जहरीले पानी से दो या चार गांव नहीं बल्कि सैकड़ों गांव के लोग बुरी तरह प्रभावित हैं और इस बात की गवाही जल निगम की एक जांच रिपोर्ट खुद ही बता रही है. रिपोर्ट की मानें तो जल निगम के अधिकारियों ने 1492 बस्तियों के पानी के सैंपल लिए थे.
उन्नाव की लेदर इंडस्ट्री और बूचड़खानों से तबाह हो रहीं जिंदगियां
यूपी के उन्नाव में लेदर इंडस्ट्री और बूचड़खाने की वजह से भूमिगत जल पूरी तरह जहरीला हो चुका है. शहर में पीले रंग के इस दूषित जल ने कई खतरनाक बीमारियों के साथ लोगों में अपना घर बनाना शुरू कर दिया है.
दूषित जल से बढ़ी ग्रामीणों की समस्याएं.
सैंपल में 459 बस्तियों के पानी के सैंपल फेल हो गए. इन बस्तियों के पानी में फ्लोराइड सल्फेट और आर्सेनिक जैसे खतरनाक रसायन पाए गए. ऐसे में हैरानी की बात यह है कि पिछले दो दशकों से सरकारें और जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ योजना बनाने में ही जुटे हुए हैं और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है.
आखिर जल क्यों हो रहा है दूषित
दरअसल उन्नाव में छोटी-बड़ी लगभग 100 से अधिक लेदर इंडस्ट्री और बूचड़खाने हैं, जो लगातार मानकों को ताक पर रखकर फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी को बिना ट्रीट किए डीप बोरिंग कर भूमिगत जल को दूषित कर रहे हैं.हालात इस कदर बद्तर हो गए हैं कि आसपास के सैकड़ों गांव के लोग दूषित पानी पीने से खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. हालात यह है कि हैंडपंपों से पीला पानी आ रहा है और इस जहरीले पानी से लोगों की जिंदगियां तबाह हो रही हैं.
स्थानीय लोगों के अनुसार
स्थानीय लोगों की माने तो हैंड पंप से निकलने वाला पानी इस कदर जहरीला है कि उसे पीने के बाद दस्त और उल्टी जैसी बीमारियों के साथ-साथ लोगों की हड्डियां भी टेढ़ी हो रही है, जिससे लोग दिव्यांग तक हो रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि दूषित पानी में खाना पकाने पर वह काला हो जाता है. लगातार इस पानी के सेवन से गांव के लोग दिव्यांग हो रहे हैं और लगातार दवाइयां कराने पर भी सही इलाज नहीं हो पा रहा है.