उन्नाव: रास्ते की जमीन को लेकर हुए विवाद में अधेड़ की हत्या और उसकी पत्नी, बेटी को मरणासन्न करने के केस में छह लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. साथ ही 2,10,000 का जुर्माना इन सभी पर लगाया गया है. कोर्ट ने अपने निर्णय कहा है कि जुर्माने की राशि में से 50 फीसदी की रकम पीड़ित परिवार को दी जाए.
2015 की घटना के दोषियों को 2020 में सजा. 2015 की घटना के दोषियों को 2020 में सजा
अचलगंज थाना क्षेत्र के गांव ताजपुर नौबस्ता में 2015 को घर के सामने खाली पड़ी भूमि को लेकर दो पड़ोसियों में विवाद हुआ था, जिसके बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर जानलेवा हमला कर पति, पत्नी और उसकी बेटी को मरणासन्न कर दिया था, जिसमें अधेड़ की मौत हो गई थी.
घटना के बाद थाने में अभियोग पंजीकृत कराया गया था, जिसमें पीड़ित के पुत्र कालीचरण ने आरोप लगाया था कि उसकी बहन सोनी खूंटे में बछिया बांधने जा रही थी. तभी सामने रहने वाले विद्यासागर, बुद्धि सागर, गंगा सागर पुत्रगढ़ छेदीलाल, छेदीलाल पुत्र अंगनू, धनेश कुमार, राजेश कुमार ने हमला कर दिया, जिससे कालीचरण की मां जमुना देवी, बहन सोनी को गंभीर चोटें आईं थी और उसके पिता की मौत हो गई थी.
पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर घटना की विवेचना करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करवाई थी. मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर 10 में न्यायाधीश आलोक शर्मा ने की. न्यायाधीश आलोक शर्मा ने सरकारी वकील प्रेमचंद की दलीलों को तर्कसंगत ठहराते हुए सभी को दोषी सिद्ध करार दिया और सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 2,10,000 का जुर्माना भी लगाया है.