उन्नावःजिले की बांगरमऊ विधानसभा सीट पर आगामी 3 नवंबर को उपचुनाव होना है. इसको लेकर सभी प्रमुख दलों ने अपने प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतार दिया है. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने पूर्व जिला अध्यक्ष श्रीकांत कटियार को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने तीसरी बार आरती बाजपेई पर भरोसा जताया है. जबकि बसपा ने महेश पाल को अपना प्रत्याशी बनाया है और सपा ने पूर्व विधायक बदलू खान का टिकट काटकर सुरेश पाल पर दांव लगाया है. सभी प्रत्याशी जनता के बीच जाकर अपनी जीत को सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं.
बांगरमऊ विधान सभा उपचुनाव पर विशेष रिपोर्ट. कुलदीप सिंह सेंगर को सजा मिलने पर रिक्त हुई सीट
बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप सिद्ध होने और सजा होने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. इसके बाद से बांगरमऊ विधानसभा सीट रिक्त चल रही है. इसके बाद यूपी के सात विधानसभा सीट पर हो रहे चुनाव में इस सीट से भी सभी पार्टियों के प्रत्याशियों ने अपना अपना नामांकन किया है. सभी प्रत्याशी अब मतदाताओं के बीच जाकर उन्हें रिझाने में लगे हैं.
एक बार ही मुस्लिम प्रत्याशी की मिली जीत
अगर बांगरमऊ विधानसभा सीट के समीकरण की बात की जाए तो मुस्लिम बाहुल्य मतदाताओं वाली इस सीट में अब तक सिर्फ एक बार मुस्लिम प्रत्याशी ने चुनाव जीता है. इस सीट से 2012 में सपा के टिकट पर बदलू खान विधायक बने थे. वहीं यहां के मतदाताओं ने छह बार ब्राह्मण प्रत्याशी पर भरोसा जताकर उन्हें सदन भेजा है. जबकि पांच बार क्षत्रीय प्रत्याशी ने यहां जीत दर्ज की है. वहीं दो बार पाल प्रत्याशी ने बसपा के टिकट पर चुनाव जीता है. एक बार अन्य ने भी जीत दर्ज की है. यहां की जनता ने किसी एक पार्टी विशेष प्रत्याशी को अपने सिर माथे नहीं बिठाया है.
मूलभूत सुविधाओं का नहीं मिला लाभ
उपचुनाव को लेकर अब बांगरमऊ की जनता से जब ईटीवी भारत ने बात की गई तो कस्बे के मतदाताओं ने सरकार से नाराजगी जताई. मतदाताओं कहा कि उन्हें अभी तक मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाया है. किसानों ने छुट्टा जानवरों की समस्या को अपने लिए एक बड़ी समस्या बताई है. इसके साथ ही पशुओं के उचित मूल्य न मिलने को लेकर भी किसानों में खासी नाराजगी है. किसानों ने खाद और बीज ना मिलने की समस्या का भी जिक्र किया है. बांगरमऊ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर जनता ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. लेकिन इस उपचुनाव में जनता साफ तौर पर साफ-सुथरी छवि के प्रत्याशी पर भरोसा जताने के मूड में दिख रही है जनता किसी पार्टी विशेष के प्रत्याशी को जिताने के मूड में कम दिख रही है.
अब तक चुनाव में इनके सिर सजा ताज
- 1962 पहली बार बनी यब सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी तब कांग्रेस के सेवाराम एमएलए चुने गए थे।
- 1967 भारतीय जनसंघ के एस गोपाल
- 1969 कांग्रेश के गोपाल नाथ दीक्षित
- 1974 भारतीय क्रांति दल से राघवेंद्र सिंह
- 1977 जनता पार्टी के सुंदरलाल
- 1980 कांग्रेश के गोपीनाथ दीक्षित
- 1985 कांग्रेस के गोपीनाथ दीक्षित
- 1989 जनता दल के अशोक कुमार सिंह
- 1991 कांग्रेश के गोपीनाथ दीक्षित
- 1993 से सपा से अशोक कुमार सिंह बेबी
- 1996 बसपा के राम शंकर पाल
- 2002 बसपा के राम शंकर पाल
- 2007 सपा के कुलदीप सिंह सेंगर
- 2012 सपा के बदलू खान
- 2017 भाजपा के कुलदीप सिंह सेंगर