उन्नाव: गुनहगार को उसके गुनाहों की सजा देने के लिए जहां एक तरफ पुलिस उसे गिरफ्तार कर जेल भेज देती है. वहीं दूसरी तरफ पुलिस का एक ऐसा चेहरा भी है, जो सलाखों के पीछे बंद उन्हीं गुनाहगारों को जेल के अंदर अय्याशी की वह सारी चीजें मुहैया कराती है, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते. दरअसल उन्नाव जिला जेल की चारदीवारी के बीच बंद कैदियों के लिए जेल प्रशासन ने अय्याशी के सारे इंतजाम कर रखे हैं. गांजा चरस अफीम से लेकर शराब की सारी व्यवस्था यहां पर उपलब्ध रहती है.
उन्नाव जेल में अपराधी लहरा रहे तमंचे, जमकर कर रहे पार्टी
उन्नाव जिला जेल की चारदीवारी के अंदर अपराधी खुलेआम असलहा लहरा रहे हैं. इतना ही नहीं इनके लिए जेल के अंदर ऐश-ओ-आराम की वह सारी चीजें उपलब्ध हैं, जो जेल के बाहर भी पाना इतना आसान नहीं है.
तस्वीरों में आप खुद देख सकते हैं कि किस तरीके से यह दोनों आरोपी जेल की चारदीवारी के अंदर खुलेआम असलहा लहरा रहे हैं. विरोध करने वाले को गोली मारने की धमकी दे रहे हैं. इतना ही नहीं जेल की 17 नंबर बैरिक में बाकायदा खाना खुला हुआ है और तो और अय्याशी का वह खेल खेला जा रहा है, जो बाहर से तो जेल लेकिन अंदर से एक गेस्ट हाउस की तरह है. यहां पर ऐश-ओ-आराम कि वह सारी चीजें उपलब्ध हैं, जो जेल के बाहर भी पाना इतना आसान नहीं है.
जेल में बंद अपराधी अमरेश 31 मार्च 2017 को मेरठ जेल से उन्नाव भेजा गया था, जो आईपीसी 302 के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. अपराधी अमरेश पर इसके साथ ही 386,120 बी के कई मामले दर्ज हैं. वहीं तस्वीरों में दिख रहा दूसरा अपराधी देवेंद्र प्रताप गौरव को 11 फरवरी 2017 को लखनऊ से उन्नाव ट्रांसफर किया गया था. गौरव पर भी आईपीसी 302 के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी. इस पर भी कई संगीन धाराओं में मुकदमा हैं.
ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर कैसे जेल के अंदर यह असलहे पहुंचे और जेल प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. आपको बता दें कि पहले भी कई बार उन्नाव जेल सुर्खियों में रहा है अगर यह अपराधी जेल के अंदर किसी घटना को अंजाम देते हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा.