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Published : Oct 19, 2020, 1:22 PM IST

Updated : Oct 19, 2020, 1:46 PM IST

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जानिए बांगरमऊ के किसानों को कैसा चाहिए विधायक !

उन्नाव बांगरमऊ विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों में जद्दोजहद चल रही है. सोमवार को ईटीवी भारत की टीम बांगरमऊ विधानसभा पहुंची और किसानों से बातचीत की. इस उपचुनाव में यहां के किसानों को कैसा विधायक चाहिए और कैसी चल रही है चुनावी हलचल. ये है ग्राउंड रिपोर्ट...

बांगरमऊ विधानसभा के किसानों ने रखी बेबाक राय

उन्नाव:जिले की बांगरमऊ विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सभी पार्टियों के प्रत्याशी मैदान में जीत का सेहरा बांधने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं. वहीं सोमवार को ईटीवी भारत की टीम ने बांगरमऊ विधानसभा में स्थित ताजपुर गांव जाकर वहां के किसानों से उनके मन की बात जानने का प्रयास किया.

जानकारी देते संवाददाता.

ताजपुर के किसानों का कहना है कि जो उनकी समस्याएं दूर करेगा, वह उसे ही वोट करेंगे. किसानों का कहना है कि वह ऐसे प्रत्याशी को बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं करेंगे, जो चुनाव लड़ कर अपने घर बैठ जाएं. एक किसान ने आपबीती सुनाई और कहा कि उनके विकलांग भाई की हत्या कर दी गई थी, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी. उन्होंने हर जगह एप्लीकेशन दी. सभी से गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में वह ऐसे कैंडिडेट को वोट करेंगे, जो उनके सुख-दुख में शामिल हो.

खाद बीज की कोई समस्या नहीं हुई
किसान अनूप ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि उनको इस बार खाद बीज की किसी प्रकार की समस्या नहीं हुई है. यदि समस्या है तो उनकी फसल के जो दाम हैं वह बहुत कम हैं. यदि फसल के दाम बढ़ जाएं तो गरीब किसान के पास भी कुछ पैसा आ जाए. ऐसे में यदि फसल के दाम कम रहे तो किसान भुखमरी की कगार पर आ जाएगा. अनूप ने बताया कि सरकार की तरफ से कोटे से राशन तो मिल रहा है, लेकिन किसान की फसल के रेट भी बढ़ने चाहिए. उन्हें ऐसा जन प्रतिनिधि चाहिए जो यह कर सके.


लाभ देने वाले प्रत्याशी को प्राथमिकता
राम अवतार का कहना है कि वह मजदूर है. उसके पास कोई खेती नहीं है. वह मजदूरी करके अपना घर चला रहे हैं. ऐसे में वह चाहते हैं कि सरकार ऐसी हो जो उनकी मदद कर सके और उन्हें लाभ मिल सके. वह ऐसे प्रत्याशी को वोट करेंगे जो उनकी मदद करेगा.

इस तरह इस चुनावी यात्रा में जब ईटीवी भारत ने किसानों से बात की तो किसानों का दर्द साफ तौर पर झलक आया. किसानों ने बताया कि जो उनकी मदद करेगा, जो उनके सुख-दुख में साथ देगा, उसे ही वोट करेंगे. वह ऐसे किसी प्रत्याशी को पसंद नहीं करेंगे, जो चुनाव लड़ने के बाद उन्हें भूल जाए.

Last Updated : Oct 19, 2020, 1:46 PM IST

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