उन्नाव: जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक महिला का इलाज के बहाने प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर ने अबॉर्शन कर दिया. उसके मना करने पर बच्चे का कमजोर होना बता दिया. वहीं इस महिला के परिजन न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं.
उन्नाव में डॉक्टरों की मनमानी. 6 दिसंबर को शंकरपुर सराय की रहने वाली राम रानी जांच कराने अपने गांव की ही आशा बहू के साथ जिला अस्पताल आई थी. जहां पर डॉक्टर ने उनको अल्ट्रासाउंड के लिए कहा तो आशा बहू ने उस महिला को सरकारी अस्पताल ले जाकर बाहर के एक प्राइवेट अस्पताल में ले गई.
जहां पर पहले से बातचीत होने के कारण पीड़ित महिला के अनुसार उसका वहां के डॉक्टरों ने जबरदस्ती अबॉर्शन कर दिया. अबॉर्शन के समय उसके शरीर के अंदरूनी हिस्सों में कई चोटे आ गईं. इसकी वजह से उसकी हालत और बिगड़ गई. वहीं हालत बिगड़ने पर अस्पताल प्रबंधन ने उसको भर्ती कर लिया.
जब हालत ज्यादा बिगड़ गई तो उसे कानपुर रेफर कर दिया. वहीं कानपुर में इलाज होने के बाद महिला की हालत में कुछ सुधार आया है. इसके बाद यह महिला कोतवाली से लेकर जिला अधिकारी व एसपी ऑफिस के चक्कर काट रही है, लेकिन उसे कोई न्याय नहीं मिल रहा है.
पीड़ित रामवती के पति रामनाथ का कहना है कि जिन लोगों ने हमारे परिवार की खुशियां छीनी हैं उनको सजा मिलनी चाहिए. उनका कहना है कि हमने सब कुछ बर्बाद करके अपनी पत्नी को बचाया है. अब मेरी पत्नी जिंदा लाश बनकर मेरे साथ रह रही हैं. इसका खामियाजा अस्पताल प्रबंधन व आशा बहू को भुगतना चाहिए.