न्याय के लिए दर-दर भटक रहा पिता, थाना इंचार्ज पर लगाए आरोप
यूपी के उन्नाव में इकलौते बेटे की हत्या के बाद न्याय न मिलने पर पिता दर-दर भटकने को मजबूर है. पिता ने थाना इंचार्ज पर आरोपियों से मिले होने का आरोप लगाया है.
उन्नाव: जिले के बिहार थाना क्षेत्र में 16 मई को राहुल नाम के युवक की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी. वहीं, इस मामले में 6 लोग शामिल थे, जिनको पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर नामजद किया था. वहीं, राहुल की हत्या में शामिल 6 लोगों में 4 लोगों की गिरफ्तारी होने के बाद दो लोगों की गिरफ्तारी न होने से परेशान व भयभीत पिता दर-दर भटकने को मजबूर है. इकलौते बेटे की मौत के बाद गठिया से परेशान पिता को डर सता रहा है कि शेष बचे दो लोग जिनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, कहीं वह उसके बेटे की हत्या के न्याय में रोड़ा न बन जाएं.
लखनऊ से गांव जाते समय हुआ था अपहरण
पुत्र की मौत के बाद शनिवार को राहुल के पिता वीरेंद्र प्रताप सिंह उन्नाव पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाने पहुंचे. उन्होंने बताया कि 16 मई को बिहार थाना इंचार्ज के बुलाने पर उनका बेटा लखनऊ से अपने गांव जा रहा था, तभी उसको रास्ते में एक गिरोह बंद होकर सुनियोजित तरीके से उनके बेटे की अपहरण के बाद निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई. इसमें उन्होंने छह लोगों को हत्या में शामिल होना बताकर मुकदमा पंजीकृत करवाया था. इन 6 लोगों में पुलिस ने अभी चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि सुधाकर सिंह और अंकित सिंह को पुलिस अभी गिरफ्तार नहीं कर पाई है. वीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस घटना में जो गवाह है, वह उनके परिवार को इन दो हत्या के आरोपियों से जान का खतरा है.
बिहार थाना इंचार्ज पर लगाया आरोप
उन्नाव पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे राहुल के पिता वीरेंद्र सिंह ने मीडिया से बताया कि बिहार थाना इंचार्ज संतोष कुमार हत्या आरोपियों से मिले हुए हैं. वह उन्हें पूरी तरीके से बचा रहे हैं. ऐसे में मेरे बेटे की हत्या के मामले में उनकी संलिप्तता संदिग्ध है. ऐसे में मेरे बेटे की हत्या के मामले की विवेचना या तो किसी उच्चाधिकारी से कराई जाए या अन्य जनपद ट्रांसफर की जाए, क्योंकि उन्हें बिहार थाना इंचार्ज पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है.
पीड़ित को आरोपियों से है खतरा
राहुल के पिता वीरेंद्र सिंह ने बताया कि स्थानीय पुलिस की मिलीभगत एवं उदासीनता के कारण मेरे बेटे की हत्या के प्रकरण में सही विवेचना और न्याय मिल पाने की संभावना नहीं है. हत्यारोपी रसूखदार हैं और क्षेत्र में उनका आतंक है. दो आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से यह लोग अपने ही परिवारजनों के द्वारा पुनः मेरे परिवार और गवाहों को परेशान करने के लिए किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं. आरोपियों एवं उनके परिवार से मुझे जानमाल का खतरा निरंतर बना हुआ है. ऐसे में उन्होंने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाते हुए कहा कि उन्हें व उनके गवाहों को सुरक्षा प्रदान की जाए, जिससे किसी प्रकार की घटना उनके और उनके गवाहों के साथ न हो पाए.
मीडिया से बात करते हुए बिहार थाना इंचार्ज संतोष कुमार ने बताया कि छह लोगों में चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. दो लोग जो शेष हैं, उनमें सुधाकर सिंह एडियो पंचायत है. सरसौल में जहां उनके निलम्बन की रिपोर्ट भेज दी गई है. साथ ही अंकित सिंह पर 12000 का इनाम घोषित कर दिया गया है. जल्द ही इन दोनों लोगों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी.
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