उन्नाव: जिले के गंगा घाटों पर दफन शवों का सच सामने आने के बाद सरकार और जिला प्रशासन ने शवों को दफन करने पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगा दिया है. दाह संस्कार की मॉनिटरिंग के लिए घाट पर पुलिस, पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है. घाट पर लेखपाल की भी ड्यूटी तय की गई है. हरकत में आए जिला प्रशासन ने अब गरीब परिवार की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. आर्थिक स्थित कमजोर होने पर प्रशासन दाह संस्कार के लिए निःशुल्क लकड़ियां उपलब्ध कराएगा. बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने COVID संक्रमण से मौत होने पर ग्राम पंचायत निधि से दाह संस्कार पर खर्च के लिए 5 हजार की धनराशि जारी करने की व्यवस्था लागू की है.
सरकार के आदेश का पालन शुरू
गंगा की स्वच्छता को लेकर अब यूपी सरकार ने जिला प्रशासन की जवाबदेही तय कर दी है. सरकार का कहना है कि गंगा नदी के किनारे किसी भी सूरत में शव दफनाए नहीं जाएंगे. शवों का दाह संस्कार संपन्न कराया जाए. सीएम के आदेश पर पंचायती राज विभाग ने कोविड संक्रमित शव के दाह संस्कार के लिए मृतक के आश्रित को ग्राम प्रधान द्वारा 5 हजार धनराशि देने के निर्देश जारी किए हैं. सरकार की सख्ती के साथ ही डीएम उन्नाव रवींद्र कुमार ने भी सख्त रुख अपना लिया है. डीएम ने जिले के सभी घाटों पर दो पुलिसकर्मियों की तैनाती कराई है. यहां क्षेत्रीय लेखपाल को भी तैनात किया है, जो घाट पहुंचने वाले लोगों को दाह संस्कार कराने के लिए जागरूक कर रहे हैं और वह नजर रखेंगे कि कोई भी शव को दफन या फिर गंगा में बहा न सके.