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उन्नाव: जिलाधिकारी कार्यालय बना अवारा मवेशियों का ठिकाना, कागजों पर चल रही गौशाला

यूपी के उन्नाव में सरकारी गौशालायें सिर्फ कागजों पर ही रह गयी हैं. यहां के मवेशी अब बारिश और धूप से बचने के लिए जिलाधिकारी के कार्यालय को ही अपना ठिकाना बना रहे हैं.

जिलाधिकारी कार्यालय बना अवारा मवेशियों का ठिकाना.

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Published : Aug 25, 2019, 10:55 AM IST

उन्नाव:प्रदेश में आवारा पशुओं को सुरक्षित गौशाला तक पहुंचाने और उनके भरण पोषण के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने गौ संवर्धन आयोग बनाकर करोड़ों का बजट हर जिले को दिया. उन्नाव में गौशाला के नाम पर जमकर धांधली हो रही है. यहां सिर्फ कागजों पर ही गौशालायें चलाई जा रही हैं. यही वजह है कि उन्नाव का जिलाधिकारी कार्यालय भी आवारा मवेशियों का ठिकाना बना हुआ है.

जिलाधिकारी कार्यालय बना अवारा मवेशियों का ठिकाना.
जिलाधिकारी कार्यालय बना मवेशियों का ठिकाना-उन्नाव के जिलाधिकारी कार्यालय में आवारा मवेशी इन दिनों अपना ठिकाना बना लिए हैं. इन मवेशियों को उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने गौशाला और भरण पोषण के लिए करोड़ो का बजट दिया है. इसके बावजूद इनके रहने का प्रबंध नहीं किया जा रहा है. बारिश और धूप से बचने के लिए मवेशी जिलाधिकारी कार्यालय के गलियारे को ही अपना आरामगाह बना लिये हैं. अगर सरकारी आंकड़ो पर गौर फरमाएं तो जिले में 105 गौशालायें संचालित है जिसमें लगभग 8000 जानवर रखे गए हैं. लेकिन जिलाधिकारी कार्यालय की ये तस्वीरें उन सभी आंकड़ो को झुठलाने के लिए काफी है जो दावे उन्नाव जिले का प्रशासन कर रहा है.इसे भी पढ़ें-उन्नाव: गौ सेवा आयोग का अल्टीमेटम, सड़कों पर दिखे आवारा मवेशी तो नपेंगे अधिकारी

जिले में कुल 111 गौशालाय और काजी हाउस है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रो में 105 गौशालाय और शहरी क्षेत्रों में इनकी संख्या 6 है. पांच हजार से अधिक जानवरों को इन गौशालाओं में रखा गया है.
-प्रमोद कुमार सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

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