उन्नाव:उत्तर प्रदेश में जीवीके कंपनी से संचालित सरकारी 108 व 102 एंबुलेंस के चालक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे थे. जिसमें उन्नाव के चालक भी शामिल थे. उन्नाव के चालकों ने लगातार 3 दिन हड़ताल जारी रखी, जिससे मरीजों को दिक्कतों से जूझना पड़ा. बुधवार देर शाम श्रम विभाग लखनऊ ने जीवीके कंपनी अधिकारियों को तलब कर फटकार लगाई, जिसके बाद अधिकारियों ने जीवीके कंपनी की चालकों की मांग मान ली है.
एम्बुलेंस चालकों की हड़ताल समाप्त. एंबुलेंस चालकों में खुशी की लहर
- वेतन वृद्धि, काम के घंटे निर्धारित होने के बाद चालकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर हक की लड़ाई जीतने का जश्न मनाया.
- चालकों की मांगे पूरी होने के बाद एंबुलेंस चालकों में खुशी की लहर है.
- चालकों ने मीडिया का धन्यवाद किया और मरीजों की सेवा में जुट गए हैं.
क्यों की थी हड़ताल
जनपद में जीवीके कंपनी से संबंध 102 व 108 की 79 एंबुलेंस के अलावा चार लाइफ सपोर्ट सिस्टम की एंबुलेंस संचालित है, जो मरीजों को घरों से अस्पताल तक नि:शुल्क पहुंचाने का काम करती है. जीवीके कंपनी से खफा एंबुलेंस चालकों ने सोमवार को एंबुलेंस खड़ी कर हड़ताल शुरू कर दी थी. एंबुलेंस चालक वेतन बढ़ाए जाने, 8 घंटे काम का समय निर्धारित करने, पायलट प्रोजेक्ट समाप्त करने व गलत तरीके से निकाले गए साथियों को वापस काम पर लाने की मांग कंपनी के अधिकारियों से की थी.
लगातार 3 दिनों तक की हड़ताल
उन्नाव में यह हड़ताल 3 दिनों तक जारी रही. बुधवार देर शाम लखनऊ श्रम विभाग कार्यालय में जीवीके कंपनी के अधिकारियों व प्रदर्शन कर रहे चालकों के बीच करीब 3 घंटे वार्ता चली. सूत्रों की मानें तो जिसपर श्रम विभाग के अधिकारियों ने कंपनी को तत्काल उचित फैसला लेने के निर्देश दिए, जिसके बाद कंपनी ने एंबुलेंस चालकों की 7 सूत्री मांगों में से 5 मांगे तत्काल पूरी करने का लिखित आश्वासन दिया. मांगे पूरी होने की खबर मिलते ही एंबुलेंस चालक हड़ताल समाप्त कर काम पर वापस लौट आए हैं. साथ ही जीत की खुशी में जिला अस्पताल परिसर में एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया.
लखनऊ में श्रम विभाग की मध्यस्थता के बाद बुधवार देर शाम जीवीके कंपनी ने चालकों का वेतन वृद्धि करने, 8 से 9 घंटे काम का समय निर्धारित, ओवर टाइम का अतिरिक्त पैसा देने, महीने में 4 छुट्टियां समेत अन्य मांगों पर लिखित आश्वासन दिया है.
-धर्मेंद्र उपाध्याय, एंबुलेंस चालक