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उन्नाव: एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान की शुरुआत, टीबी के मरीजों को घर-घर तलाशेंगी टीमे - एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य उन्नाव और हाथरस जिले में प्रारम्भ कर दिया गया है. पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान की शुरुआत की जा रही है. इस अभियान के तहत टीम घर-घर जाकर टीबी से ग्रसित व्यक्ति का पंजीकरण कर 24 घंटे के अंदर उसका इलाज शुरू करेगी.

एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के तहत तलाशे जाएंगे टीबी के मरीज का इलाज

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Published : Oct 10, 2019, 11:52 AM IST

उन्नाव: टीबी को लेकर सरकार अलग-अलग जिलों में कई अभियान चला रही है. वहीं टीबी मुक्त भारत के लिए भारत कई कदम आगे बढ़ चुका है. उसी क्रम को बढ़ाते हुए पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के प्रथम चरण की शुरुआत 10 अक्टूबर 2019 से हो गई है. 23 अक्टूबर 2019 तक यह अभियान जोर-शोर से चलाया जाएगा.

एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के तहत टीबी मरीजों का किया जाएगा इलाज.

एक नई पहल की हुई शुरुआत
इस अभियान में एक्टिव केस ढूंढने के लिए जनपद की 359331 जनसंख्या को लक्षित किया गया है. इस अभियान के अन्तर्गत 154 दलों का गठन भी किया गया है. यह दल घर-घर जाकर टीबी के मरीजों को ढूंढेंगे. टीबी रोग के खात्मे के लिए जिले में सक्रिय क्षय रोग खोज अभियान चलाया जाएगा. यह अभियान 10 अक्टूबर से शुरू होगा और 23 अक्टूबर तक चलाया जाएगा. जांच में टीबी की पुष्टि होने पर मरीज का निश्चय पोर्टल पर पंजीकरण कर 24 घंटे के अंदर उसका इलाज शुरू कराया जाएगा. वहीं राष्ट्रीय पुनरीक्षित क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत सरकार भी जिले में सक्रिय रोग खोज अभियान की शुरुआत करने जा रही है. माइक्रो प्लान के तहत टीम 73 से अधिक घरों तक पहुंचेगी और प्रत्येक टीम को एक दिन में कम से कम 50 घरों तक पहुंचने का लक्ष्य दिया गया है. वहीं अभियान की प्रतिदिन समीक्षा होगी जिसमें जिला स्तरीय अधिकारी भी ब्लाक अभियान की समीक्षा करेंगे.

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हाथरस में भी चलेगा अभियान

हाथरस:वहींइस जिले में भी अभियान की शुरुआत 10 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक की जाएगी. जिले में इस अभियान के लिए कुल 72 टीमें बनाई गई हैं जो एक लाख 80 हजार लोगों का सर्वे करेंगी. जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी रोग में बलगम का आधार ही सबसे प्रमुख होता है जिसका टेस्ट कराकर 24 घंटे के अंदर इलाज शुरू कर दिया जाएगा.

जानिए क्या कहा डॉक्टर ने
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनिल सागर वशिष्ठ ने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिंग का काम 10 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चलाया जाएगा. जिले की दस फीसदी जनसंख्या इसमें चयनित की जाती है. इसमें तीन सदस्यों वाली एक टीम घरों का सर्वे करती है. वह उन लोगों की पहचान करती है जिनको लंबे समय से खांसी हो उनका बलगम कलेक्ट करती है और वह बलगम जांच केंद्र पर आता है. उसमें से जो टीबी के मरीज निकलते हैं उनका इलाज दूसरे दिन से शुरू हो जाता है. एक घर में औसतन लोगों की संख्या 5 मानते हैं और करीब 250 लोगों का सर्वे एक टीम करती है. एक टीम 10 दिन में ढाई हजार लोगों का सर्वे कर लेती है. जिले में 72 टीमें है जो एक लाख 80 हजार लोगों का सर्वे करेंगी.

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