लखनऊ: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 151वें जन्मदिवस के अवसर पर महापौर संयुक्ता भाटिया एवं नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने लखनऊ नगर निगम के मुख्यालय में अभियान समृद्धि तथा स्वच्छता रथ का शुभारम्भ किया. स्वच्छता रथ लोगों को कचरा प्रबन्धन की एक पहल है. इसका उद्देश्य सफाई कर्मचारियों के कार्य को मुख्यधारा में लाने तथा स्वच्छ भारत मिशन में उनके योगदान से जोड़ना है.
यूएनडीपी इंडिया, कोका कोला इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से प्लास्टिक रीसाइक्लिंग मैनेजमेंट एंड लाइवलीहुड कार्यक्रम नगर निगम लखनऊ के साथ मिल कर कर रही है. इसे सामाजिक-तकनीकी मॉडल के माध्यम से स्थायी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ाकर, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए प्रभावों और जोखिमों को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह परियोजना यूएनडीपी के स्थानीय एनजीओ पार्टनर मुस्कान ज्योति समिति के माध्यम से लखनऊ में कार्यान्वित की जा रही है.
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने कहा कि, लखनऊ नगर निगम की तरफ से मैं इस स्वच्छता दिवस को अपने सफाई कर्मी साथी भाइयों को समर्पित करना चाहता हूं. यह साल हम सबके लिए मुश्किल तो रहा ही है. इस साल ने हमें बहुत कुछ सीखने का अवसर भी दिया है. यह अभियान समृद्धि, मुख्य रूप से सफाई साथियों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास है, जिन्हें पारंपरिक रूप से सामाज के निचले भाग में रखा गया है. उन्हें औपचारिक अपशिष्ट मूल्य श्रृंखला में एकीकृत किया गया है.
लखनऊ: नगर निगम का समृद्धि और स्वच्छता रथ सिखाएगा कचरा प्रबन्धन
यूपी की राजधानी लखनऊ में गांधी जयंती के अवसर पर नगर निगम के मुख्यालय से स्वच्छता रथ का शुभारम्भ किया गया. स्वच्छता रथ, एक मोबाइल प्रचार वाहन है, जो ऑडियो सिस्टम से लैस है. यह कचरा प्रबन्धन करने के लिए लोगों को जागरूक करेगा.
नगर आयुक्त ने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य सफाई साथियों के प्रयासों को पहचानने और उनकी सराहना करने के लिए जनता के बीच व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देना है. उन्हें 'चैंपियंस ऑफ चेंज' के रूप में स्थापित करना है. इसके अतिरिक्त, अभियान उनके समावेश को बढ़ावा देने पर भी काम करेगा.
उन्होंने बताया कि स्वच्छता रथ, जो एक मोबाइल प्रचार वाहन, ऑडियो सिस्टम से लैस और कचरे के प्रबन्धन और अलगाव को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए कचरा प्रबन्धन पर संदेशों पर आधारित है. स्वच्छता रथ को पूरे महीने शहर में घुमाने की योजना है, ताकि जनता के बीच कचरा प्रबन्धन प्रथाओं के बारे में जागरूकता फैले.