उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

झांसी लोकसभा सीट: अगर नारायण दत्त तिवारी न करते बगावत तो होती कोई और स्थिति - लोकसभा चुनाव

पीवी नरसिंहा के प्रधानमंत्री बनने के बाद कांग्रेस के कई नेता नाराज थे. इसी नाराजगी के कारण नारायण दत्त तिवारी ने अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) बनाया. झांसी लोकसभा सीट से किस्मत आजमाने उतरे नारायण दत्त तिवारी को कांग्रेस प्रत्याशी के सामने ही हार का सामना करना पड़ा था.

झांसी लोकसभा सीट से नारायण दत्त तिवारी को करना पड़ा था हार का सामना

By

Published : Apr 22, 2019, 12:40 PM IST

झांसी:लोकसभा चुनाव में झांसी सीट भी अपना अलग स्थान रखती है. इस सीट पर दिग्गज नेताओं को हार का सामना भी करना पड़ा है. इसमें सबसे बड़ा नाम है नारायण दत्त तिवारी का. इन्होंने पार्टी से बगावत कर नई पार्टी भी बनाई थी. फिर भी उन्हें भाजपा के सामने मात खानी पड़ी थी.

पीवी नरसिंहा के प्रधानमंत्री बनने के बाद कांग्रेस के कई नेता नाराज थे. इसी नाराजगी के कारण नारायण दत्त तिवारी ने अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) बनाया. इस बात के प्रचार की कोशिश हुई कि यह असली कांग्रेस है. झांसी लोकसभा सीट से किस्मत आजमाने उतरे नारायण दत्त तिवारी को 68,064 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी सुजान सिंह बुंदेला को 1,14,374 वोट मिले.

झांसी लोकसभा सीट से नारायण दत्त तिवारी को करना पड़ा था हार का सामना

भाजपा के राजेन्द्र अग्निहोत्री 1,63,836 वोट पाकर चुनाव जीत गए थे. कांग्रेस के प्रदेश महासचिव भानू सहाय कहते हैं कि उनकी नरसिम्हा राव से कुछ अनबन हो गई थी. इसी को लेकर उन्होंने कई नेताओं के साथ मिलकर अलग पार्टी बना ली. वे उत्तराखंड और बुंदेलखण्ड से चुनाव मैदान में उतरे.

भानू सहाय बताते हैं कि उत्तराखंड में तो वे चुनाव जीत गए, लेकिन बुंदेलखण्ड में उनके चुनाव चिह्न फूल चढ़ाती हुई महिला को हम लोग जनता के बीच नहीं पहुंचा सके और इस कारण उनकी हार हो गई. दिग्गज कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी को झांसी लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा था.

दरअसल नारायण दत्त तिवारी ने साल 1996 में उन्होंने कई नेताओं के साथ मिलकर कांग्रेस से बगावत कर नई कांग्रेस बनाई थी और उसी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़े थे. इस चुनाव में तिवारी की हार के साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी की भी हार हो गई थी. तिवारी पांचवे पायदान पर चले गए थे जबकि भाजपा को जीत मिल गई थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details