हाथरस: जिले में अप्रैल और मई माह में 118 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन को अपनाया है, जिससे मंडल में जिला प्रथम स्थान पर है. देखने में आ रहा है कि लोग परिवार नियोजन के प्रति जागरूक हो रहे हैं. नसबंदी हो या फिर स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू किए गए गर्भनिरोधक अंतरा और छाया. महिलाओं ने इन्हें अपनाने में काफी रुचि दिखाई है. स्वास्थ्य विभाग ने परिवार नियोजन को ध्यान में रखते हुए गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन और छाया नाम की टेबलेट की शुरुआत की थी.
लॉकडाउन के दौरान जहां 118 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन और 805 ने छाया की गोली को अपनाया है. वहीं 751 महिलाओं ने आईयूसीडी लगाया और एक ने एनएसवी कराकर परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता दिखाई. नोडल डॉ. डीके अग्रवाल ने बताया कि अंतरा इंजेक्शन और छाया गोली परिवार नियोजन का एक अच्छा साधन साबित हुआ है. इसका प्रचार-प्रसार भी लगातार कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जनपद स्तर पर उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपीटीएसयू) प्रतिनिधि आशीष शर्मा द्वारा विभाग को सहयोग प्रदान किया जाता है. उन्होंने कहा कि एफपीएलएम विजयपाल सिंह के पास परिवार नियोजन संबंधी प्रबंधन की जिम्मेदारी है.
अंतरा महिलाओं के लिए सुरक्षित विकल्प
अंतरा इंजेक्शन अनचाहे गर्भ को रोकने और दो बच्चों के बीच अंतर रखने का एक सुरक्षित अस्थायी गर्भनिरोधक विकल्प है. तीन माह के अंतराल में लगने वाला यह इंजेक्शन एक बार लगवाने पर तीन माह तक अनचाहे गर्भ से छुटकारा देता है.
कौन लगवा सकता है अंतरा
1. डिलीवरी के बाद स्तनपान कराने वाली महिलाएं.
2. डिलीवरी के छह सप्ताह बाद.