लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य संपत्ति विभाग के वाहनों में डीजल-पेट्रोल भराने के नाम पर अब खेल नहीं हो पाएगा. राज्य संपत्ति विभाग की गाड़ियों में ईंधन भराने के लिए पेट्रो कार्ड का उपयोग किया जाएगा. पहले पर्ची के माध्यम से वाहनों में ईंधन भराया जाता था, लेकिन विभाग ने पुरानी व्यवस्था समाप्त कर दी है. इसके लिए विभाग ने दो पेट्रोलियम कंपनियों के साथ अनुबंध भी किया है.
उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव व राज्य संपत्ति अधिकारी सुक्रांत कुमार शुक्ला की तरफ से जारी आदेश में यह कहा गया है कि सुगम और पारदर्शी व्यवस्था के तहत राज्य संपत्ति विभाग के वाहनों में ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी. विभाग में यह नई व्यवस्था एक जुलाई 2020 से लागू कर दी गई है. इसके तहत अब पेट्रोल पंपों से पेट्रो कार्ड के माध्यम से ही ईंधन की आपूर्ति होगी. पूर्व में पर्ची के माध्यम से वाहनों में ईंधन आपूर्ति की जाती थी.
लखनऊ: राज्य संपत्ति विभाग के वाहनों में पेट्रो कार्ड से भरा जाएगा ईंधन - indian oil corporation limited
उत्तर प्रदेश राज्य संपत्ति विभाग के वाहनों में डीजल-पेट्रोल भराने के नाम पर अब खेल नहीं हो पाएगा. राज्य संपत्ति विभाग की गाड़ियों में ईंधन भराने के लिए पेट्रो कार्ड का उपयोग किया जाएगा. विभाग में यह नई व्यवस्था एक जुलाई 2020 से लागू कर दी गई है.
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इस संबंध में राज्य संपत्ति विभाग द्वारा देश की दो बड़ी पेट्रोलियम कंपनियों इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड एवं हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड से अनुबंध किया गया है. उक्त व्यवस्था के लागू होने से जहां वाहनों में ईंधन की आपूर्ति सुगमता पूर्वक हो सकेगी. वहीं स्वच्छता एवं पारदर्शिता भी बनेगी. पर्ची के माध्यम से डीजल, पेट्रोल भरवाने में गड़बड़ी की ज्यादा आशंका रहती है. ऐसी ही गड़बड़ी को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. इसमें मंत्रियों, प्रमुख सचिवों, सचिवालय, विधानसभा समेत शासन के सभी वाहन शामिल हैं. इसके साथ ही राज्य संपत्ति विभाग के भवनों का किराया जमा करने की प्रक्रिया को भी एक जुलाई से सरल और पारदर्शी बना दिया गया है.
ये भवन राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों को एवं कर्मचारियों को आवंटित हैं. राज्य संपत्ति विभाग में अब तक लागू व्यवस्था के तहत आवंटित को भवन का किराया राज्य संपत्ति निदेशालय जवाहर भवन जाकर जमा करना पड़ता था. नई व्यवस्था के तहत अब आवंटी ऑनलाइन मोबाइल के माध्यम से किराया जमा करा सकते हैं. इसके लिए आवंटी को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर आवंटन संख्या (AAN) उपलब्ध करा दी गई है. वहीं जिनके पास कोई नंबर नहीं है, वह राज्य संपत्ति निदेशालय से संपर्क कर अपना ऑन (AAN) नंबर प्राप्त कर सकते हैं. भविष्य में ऑनलाइन माध्यम से किराया जमा कर सकते हैं.