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सहारा और मेयो अस्पताल को प्रभारी कोविड अधिकारी ने दिया नोटिस, मरीजों से हो रही थी अतिरिक्त वसूली

राजधानी के सहारा और मेयो हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों से अतिरिक्त वसूली का मामला सामने आया है. इस संबंध में प्रभारी अधिकारी कोविड-19 रोशन जैकब ने इन दोनों अस्पतालों का निरीक्षण कर अस्पताल प्रबंधन को कड़ी चेतावनी दी और नोटिस जारी कर जवाब मांगा.

डॉ. रोशन जैकब
डॉ. रोशन जैकब

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Published : May 6, 2021, 10:25 PM IST

लखनऊ:गोमतीनगर स्थित सहारा और मेयो हॉस्पिटल में कोविड रोगियों से अतिरिक्त वसूली की जा रही थी. प्रभारी अधिकारी कोविड-19 रोशन जैकब ने इन दोनों अस्पतालों का निरीक्षण कर अस्पताल प्रबंधन को कड़ी चेतावनी दी और नोटिस जारी कर जवाब मांगा. उन्होंने अस्पतालों को आगाह किया कि दोबारा शिकायत पाई गई तो महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

चेक किया बिलों का विवरण
प्रभारी कोविड अधिकारी ने गोमतीनगर स्थित सहारा हॉस्पिटल में बिलिंग काउंटर पहुंच कर डिस्चार्ज किए हुए रोगियों के बिल का विवरण देखा. निरीक्षण में पाया गया कि हॉस्पिटल द्वारा कन्सलटेंसी, फार्मा (मेडिसिन), प्रोसिजरल चार्जेस आदि हेड में अतिरिक भुगतान कराया गया है. साथ ही हॉस्पिटल द्वारा आरटीपीसीआर टेस्ट भी अधिक दर पर किया जा रहा है. प्रभारी कोविड अधिकारी ने निर्देश दिया कि तत्काल रोगियों से अधिक शुल्क लिया जाना बंद किया जाए और शासनादेश के अनुसार ही रोगी से उपचार शुल्क लिया जाना सुनिश्चित किया जाए.

जांच का ब्योरा और दवाओं का बिल में हो स्पष्ट उल्लेख
प्रभारी अधिकारी ने निर्देश दिया कि यदि शासन द्वारा निर्धारित पैकेज के अतिरिक्त अगर कोई विशेष दवा या जांच कराई जाती है तो उसका ब्योरा बिल में स्पष्ट रूप से दिखाया जाए. अनावश्यक रोगियों से अधिक शुल्क न वसूला जाए. प्रभारी अधिकारी सहारा हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में उपचार की व्यवस्थाओं के सत्यापन के उद्देश्य से पहुंची थीं. कोविड वार्ड में जाकर प्रभारी अधिकारी द्वारा रोगियों से उनका हाल चाल पूछा गया और उपचार सम्बंधी फीडबैक लिया गया. रोगियों ने बताया कि हॉस्पिटल द्वारा अच्छा उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने निर्देश दिया कि उपचार की मॉनिटरिंग सीनियर डॉक्टरों द्वारा प्रतिदिन राउंड लेकर की जाए.

मेयो अस्पताल में भी हो रही थी ‌अतिरिक्त वसूली
इसके साथ ही गोमतीनगर स्थित मेयो हॉस्पिटल में भी प्रभारी कोविड अधिकारी रोशन जैकब ने बिलिंग काउंटर का निरीक्षण किया और डिस्चार्ज हुए रोगियों के बिलों को चेक किया. निरीक्षण में आरटीपीसीआर टेस्ट शासन द्वारा निर्धारित दरों पर होता पाया गया, लेकिन हॉस्पिटल द्वारा फार्मा चार्जेस (मेडिसिन) और ऑक्सीजन के नाम पर मरीजों से अतिरिक्त शुल्क लेने की बात सामने आई.

निर्धारित है 18 हजार रुपये प्रति दिन का पैकेज
प्रभारी अधिकारी द्वारा बताया गया कि शासनादेश के अनुसार कोविड-19 रोगी के उपचार के लिए 18,000 रुपये प्रतिदिन के पैकेज का निर्धारण किया गया है. जिसमें हाइपरटेंशन एवं अनियंत्रित डायबिटीज से पीड़ित को-मर्बिटीज रोगी भी सम्मिलित हैं. उन्होंने बताया कि निजी हॉस्पिटलों हेतु निर्धारित शुल्क सभी सुविधाओं को सम्मिलित करते हुए पैकेज में बेड, भोजन तथा अन्य सुविधाएं जैसे नर्सिंग केयर, मॉनिटरिंग, इमेजिंग सहित अन्य आवश्यक जांचे, विजिट/कन्सल्ट, चिकित्सक परीक्षण आदि सुविधाएं सम्मिलित हैं, साथ ही को-मर्बिटीज रोगियों का उपचार तथा अल्प अवधि की हिमो डायलिसिस की सुविधा भी पैकेज में सम्मिलित है.

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