लखनऊ:अवैध रूप से कैंट इलाके में जमीन पर कब्जा कर डेयरी चलाने वालों पर कैंटोनमेंट बोर्ड ने कार्रवाई करते हुए जमीन खाली कराई है. अब इस कीमती जमीन पर कैंटोनमेंट बोर्ड प्रतिष्ठान बनाने पर विचार कर रहा है. कैंट इलाके में कोई मॉल या मल्टीप्लेक्स नहीं है, इसलिए कैंटवासियों के लिए यहां पर मॉल और मल्टीप्लेक्स खोलने पर भी विचार किया जा रहा है.
शहर के अंदर डेयरी संचालन पर रोक लगी हुई है. बावजूद इसके कैंट इलाके में तमाम डेयरिया संचालित हो रही थीं. डेयरी चलाने वाले गाय और भैंस से दूध निकालकर उसके बाद इन्हें आवारा छोड़ देते थे. साफ-सुथरे कैंट क्षेत्र में यह जानवर गंदगी फैलाते थे. कैंट बोर्ड में अभियान चलाकर पिछले दो माह में इस इलाके की सभी अवैध डेयरियों को हटा दिया गया है. तमाम आवारा पशुओं को शहर के अंदर से बाहर कर दिया है. कैंटोनमेंट इलाके की तकरीबन 20 हजार स्क्वायर फीट बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जा कर डेयरी चलाने वाले संचालक को भी हटाया गया है.
लखनऊ: अवैध डेयरी संचालकों के कब्जे से खाली कराई कैंट की बेशकीमती जमीन
राजधानी लखनऊ में अवैध डेयरी संचालक के कब्जे से कैंट की बेशकीमती जमीन खाली कराई गई है. अब कैंट इलाके में कोई मॉल या मल्टीप्लेक्स खोलने पर भी विचार किया जा रहा है.
कैंटोनमेंट बोर्ड के सीईओ बताते हैं कि पिछले काफी सालों से हजारों स्क्वायर फीट भूमि पर कब्जा कर डेयरी चलाने वाले लोगों को शहर से बाहर किया गया है. कैंट इलाके में पल रही गायों को कान्हा उपवन भेज दिया गया है. भैंसों को गोकुलनगर भेजा गया है. अब कैंट क्षेत्र काफी साफ-सुथरा नजर आने लगा है. बीमारियां भी अब इस इलाके में नहीं फैलेंगी. कैंट की जिस 20000 स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन पर पिछले कई दशकों से अवैध डेयरी संचालित हो रही थीं, उसे खाली कराने में कैंट बोर्ड को काफी दिक्कतें भी आईं, लेकिन इस जमीन को खाली कराकर अब यहां पर काम शुरू कराया गया है.
सबसे पहले कैंटोनमेंट बोर्ड की तरफ से यहां पर जमीन की चहारदीवारी कराई जा रही है. इसके बाद बोर्ड इस पर विचार करेगा कि यहां पर क्या ऐसा किया जाए, जिससे कैंट बोर्ड को फायदा हो और कैंटवासियों को सुविधा मिल सके. कैमरे से इतर कैंट बोर्ड से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि 20000 स्क्वायर फीट जमीन पर माल और मल्टीप्लेक्स खोला जा सकता है, जिससे कैंट बोर्ड की आय भी होगी. साथ ही कैंट निवासियों को सामान की खरीदारी के लिए शहर के दूरदराज इलाकों में बने मल्टीप्लेक्स और माल जाने की आवश्यकता नहीं होगी.