मेरठ: कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में पूरी तरह छूट न मिलने से शादी विवाह अब धूमधाम से नहीं सादगी से किए जा रहे हैं. कहीं मंदिर में दूल्हा-दुल्हन फेरे लेकर एक-दूसरे के हो रहे हैं तो कहीं घर के अंदर ही पंडित जी फेरे करा रहे हैं. ऐसी ही एक शादी मेरठ जिले के पल्हैड़ा गांव में हुई. लॉकडाउन के कारण दूल्हा केवल अपने पिता और भाई को लेकर दुल्हन के घर पहुंचा और मंदिर में सात फेरे लेकर शादी की रस्म पूरी की. दोनों ही परिवार की ओर से केवल परिजन ही इस शादी में शामिल हुए.
मेरठ जिले के पल्हैड़ा गांव निवासी वेदप्रकाश ने अपनी बेटी प्रीति की शादी दिल्ली रोहिणी निवासी नरेश से तय की थी. लॉकडाउन से पहले ही लड़का और लड़की पक्ष ने अप्रैल में धूमधाम से शादी करने का निर्णय लिया था, लेकिन मार्च में लगे लॉकडाउन ने दोनों ही परिवारों की तैयारियों पर पानी फेर दिया. दोनों ही परिवारों ने शादी के लिए कई डेट फिक्स की, लेकिन लॉकडाउन आगे बढ़ता गया और शादी की डेट कैंसिल होती रही.
लड़के और लड़की पक्ष के रिश्तेदार भी दूसरे प्रदेश और जनपदों में रहते हैं. उन्होंने भी लॉकडाउन के दौरान शादी में आने में असमर्थता जतायी. तब दोनों पक्षों ने तय किया कि जब कोरोना की स्थिति सामान्य हो जाएगी तब शादी की तारीख रख ली जाए, लेकिन लड़का और लड़की ने तय किया कि शादी सादगी से की जाए. दोनों ने अपने परिजनों के सामने अपनी मंशा रखी, जिस पर दोनों ही परिवारों ने अपनी सहमति जता दी.
शनिवार को दूल्हा नरेश अपने पिता और भाई के साथ दुल्हन के घर पहुंचा, जहां दुल्हन के परिजनों ने उनका स्वागत किया. उसके बाद गांव के ही मंदिर में दोनों के फेरे कराकर शादी संपन्न करा दी गई. इस दौरान दूल्हा और दुल्हन ने सादगी से एक-दूसरे के गले में वरमाला डाली और परिजनों से आशीर्वाद लिया. दुल्हन के पिता वेदप्रकाश ने बताया कि उनकी बेटी दिल्ली में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती है, जबकि दूल्हा नरेश नोएडा की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत है. दोनों की रजामंदी से यह शादी सादगी से मंदिर में कराई गई. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया. शादी में दुल्हन पक्ष के भी केवल पांच सदस्य ही शामिल हुए.