सुलतानपुर: जिले में कत्था का बड़ा प्राकृतिक जंगल है. 3-4 किलोमीटर परिधि का ये जंगल जिले को खास बनता है, लेकिन 10 हजार के कठे पेड़ों का ये जंगल अफसरों की नाकामी की भेंट चढ़ गया है. वन माफिया धीरे-धीरे इसकी अस्मिता खत्म करते जा रहे हैं, लेकिन अधिकारी हाथ पर धरे बैठें हुए हैं.
सुलतानपुरः वन माफियाओं के चंगुल में कत्थे का जंगल
जिले में वन माफियाओं की सक्रियता लगातार बढ़ रही है. जिससे बेशकीमती कत्थे के पेड़ों की कटान हो रही है. वहीं बेपरावाह प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है.
बढ़ती जा रही जंगल की कटान.
बढ़ती जा रही जंगल की कटान
- सुलतानपुर जिला मुख्यालय से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर शाहपुर जंगल है.
- शाहपुर के बीच में कत्थे का जंगल संरक्षित किया गया है.
- इसकी निगरानी शासन की तरफ से वन विभाग को सौंपी गई है.
- कहने को तो केंद्र सरकार की तरफ से इसकी मॉनिटरिंग बीच-बीच में की जाती है.
- कई बार वन माफियाओं की तरफ से जंगल की अवैध कटान की बातें सामने आई.
- उच्चस्तरीय जांच कराई गई, लेकिन मामला थोड़े ही दिन में रफा-दफा कर दिया गया.
क्षेत्राधिकारी लंभुआ कहते हैं कि दिन के अलग प्रहरी रखे गए हैं. रात के अलग प्रहरी तैनात किए गए हैं. अवैध कटान हो, ऐसा हो नहीं सकता है. सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. पूरी निगरानी की जाती है.