सुलतानपुर: महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को प्रधान सचिव और तकनीकी सहायक मिलकर निकल रहे हैं. हालिया मामला जिले के धनपतगंज ब्लॉक में सामने आया है. जहां नाली खड़ंजा और विकास कार्य के लिए आया दस लाख रुपए मिलकर अभिलेख फर्जीवाड़े के जरिए हजम कर लिया गया. जिलाधिकारी ने प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज कर दिए हैं.
पूरा पैटर्न सुल्तानपुर जिले के धनपतगंज विकासखंड अंतर्गत बहादुरपुर ग्राम पंचायत से जुड़ा हुआ है. ग्रामीण विकास का जो सपना महात्मा गांधी ने देखा था. उसी योजना के तहत 10,00000 रुपए की धनराशि मुख्य विकास अधिकारी द्वारा निर्गत की गई थी. इस पैसे से गांव में सड़कों का निर्माण किया जाना था. पेयजल के लिए हैंडपंप रिबोर किए जाने थे. पानी के भराव की समस्या को दूर करने के लिए नालियों का निर्माण होना था. वह हर काम किया जाना था, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में लोगों की समस्याएं दूर होती और लोगों को विकास के जरिए रफ्तार देने की योजना को पंख लगाए जाते. बहर हाल पुल मामले में प्रधान सचिव और तकनीकी सहायक ने मिलकर पूरी धनराशि हजम कर लिया है.
अभिलेख में पैसा खारिज करते हुए मौके पर कोई निर्माण कार्य नहीं कराया गया है. मामले के खुलासे के बाद विकास विभाग में हड़कंप मच गया. जिला पंचायत राज अधिकारी आरके भारती की रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए डीएम रवीश गुप्ता ने जांच के आदेश दिए थे. जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्काल प्रभाव से प्रधान अनीता के अधिकार सीज कर दिए गए हैं. सचिन रवि सिंह और तकनीकी सहायक प्रकाश तिवारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है. प्रशासनिक कार्रवाई से ग्राम पंचायत में हड़कंप मचा हुआ है.