सुलतानपुरः जिले में 'तिरहुत स्टेट' में कभी जनता के लिए राज दरबार लगता था. अब यहां दो राजाओं के बीच वरासत को लेकर जंग छिड़ी हुई है. दोनों कागजों से खुद का दावा मजबूत कर रहे हैं. पूरा विवाद 200 बीघा जमीन की कब्जेदारी को लेकर है. यह मामला अब कोर्ट पहुंच चुका है. दोनों पक्षों की ओर से खुद के असली वारिस होने का दावा किया जा रहा है.
200 बीघे जमीन की कब्जेदारी को लेकर कोर्ट पहुंची दो राजाओं की वरासत की जंग
सुलतानपुर में 200 बीघे की जमीन की कब्जेदारी को लेकर चल रहा दो राजाओं के बीच का विवाद अब कोर्ट पहुंच चुका है. चलिए जानते हैं इस बारे में.
हलियापुर के 'तिरहुत स्टेट' की हवेली में राय भानु सिंह का परिवार निवास कर रहा है. भानु सिंह बताते कि 'जगदंबा बख्श सिंह' की संपत्ति का विवाद चल रहा है. उन्होंने चाचा सुमन सिंह को अपने जीवन काल में गोद लिया था. 1971 में उन्होंने हमारे पिता स्व. ओमप्रकाश सिंह व अनिल सिंह के नाम पर एक वसीयत की थी. इसके आधार पर हम लोग तब से जमीन पर काबिज हैं. चकबंदी के कागजात भी हमारे नाम पर दर्ज है. वरासत का वाद नायब तहसीलदार के यहां चल रहा है. मुकेश सिंह ने मुकदमा किया था जिसे एसडीएम बल्दीराय महेंद्र श्रीवास्तव ने निरस्त कर दिया है. पुलिस की रिपोर्ट में हमारा कब्जा माना गया है. उसी पर हम बरकरार हैं.
भानु सिंह बताते हैं कि देवरती कुंवर जो रजिस्टर्ड वसीयत बताते हैं उसका जो भी हिस्सा है उन्हें मिल चुका है. उसमें से अधिकांश भाग विक्रय भी कर चुके हैं. वहीं, मुकेश सिंह का कहना है हम जगदंबा बक्श सिंह के असली वारिस हैं. हमारे पास एक रजिस्टर्ड वसीयत है, मैं उसी खानदान से हूं. इनके पास कुछ है नहीं है.
बता दें कि पूरा मामला 200 बीघे प्रॉपटी से जुड़ा है, जिसे राय भानु सिंह का परिवार वर्ष 1971 से जोत बो रहा है. उक्त जमीन उनके व उनके परिवार की कस्टडी में है. दूसरी ओर मुकेश सिंह ने 6 माह पूर्व रजिस्टर्ड वसीयत के आधार पर वरासत का केस किया और कब्जेदारी मांगना शुरू किया.
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