सुलतानपुरः विकास विभाग के अभिलेखों में गांव में खुशहाली पांव पसार रही है और फसलें लहलहा रही हैं. स्वच्छ भारत मिशन के जरिए प्रधानमंत्री मोदी का सपना गांव और जिले में साकार हो चुका है. वहीं जब ईटीवी भारत की टीम गांव पहुंची तो नजारा इसके उलट दिखा. यहां बेचारगी है, लाचारी है, आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार हैं, जो शिक्षा से कोसों दूर हैं. लॉकडाउन में परदेशी घर लौट आए, लेकिन आज तक रोजगार की मुकम्मल व्यवस्था नहीं की जा सकी.
पूर्व सांसद वरुण गांधी के गोद लिए गांव का हाल
जिला मुख्यालय से सटे वलीपुर गांव को भारतीय जनता पार्टी के नेता और सांसद वरुण गांधी गोद ले चुके हैं. उनकी मां यहां से सांसद हैं. मेनका गांधी खुद को सुलतानपुर वासियों की मां बताती हैं, लेकिन महिलाएं पर्दा डालकर सरकारी शौचालय में नित्यक्रिया के लिए जाने को मजबूर हैं.
जानकी कहती हैं कि हम बड़ी परेशानियों से जूझ रहे हैं. कहीं दुकान लगाते हैं तो लोग भगाने लगते हैं. हमें न तो स्वच्छ भारत मिशन से शौचालय मिला है और न ही इंडिया मार्का हैंडपंप. ग्राम प्रधान की तरफ से कोई सहूलियत नहीं प्रदान की गई है. मीरा देवी कहती हैं कि प्रधान की तरफ से शौचालय बनवा दिया जाता, तो अच्छा रहता. शौचालय टूटे-फूटे हैं. लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
गड्ढा खोद छोड़ दिया अधूरा शौचालय
बाबूराम निषाद कहते हैं कि शौचालय के लिए गड्ढा खोद दिया गया. प्रधान से कई बार मिन्नतें कीं, लेकिन निर्माण पूरा नहीं कराया गया. पूर्व प्रधान जुबेर खान कहते हैं कि वर्तमान प्रधान कुछ काम नहीं करना चाहते हैं, वही चाहते हैं जिसमें जमकर कमीशनबाजी हो. आधा हिस्सा यह ले ले, आधा किसी और को दे दिया जाए. जिस किसी ने अपने पैसे से शौचालय बना लिया, उसको 1000-2000 रुपये देकर टरका दिया जाता है.