आचार संहिता के चलते सुल्तानपुर में ट्रॉमा सेंटर के शुभारंभ पर लगा ग्रहण - election 2019
सुल्तानपुर में बन रहे एक मात्र ट्रॉमा सेंटर के शुभारंभ पर आचार सहिंता के चलते ग्रहण लग गया है. बजटीय आवंटन रुक जाने से इसके लिए कुछ जरूरी उपकरणों का आना संभव नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते जनपदवासियों का शहर में ही रहकर इलाज कराने के लिए कुछ दिन का इंतजार और बढ़ गया है.
सुल्तानपुर: जिले के दुर्घटना और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को इलाज के लिए अभी लखनऊ, वाराणसी या इलाहाबाद ही जाना होगा. आचार संहिता के चलते कुछ तकनीकी उपकरण नहीं आ पा रहे हैं क्योंकि बजट का प्रबंध आड़े आ गया है. ऐसे में शहर के नव निर्मित ट्रॉमा सेंटर को अंतिम रूप देने की कवायद पर ग्रहण लग गया है. लंबे अर्से से बाट जोह रहे जनपद वासियों को इससे निराशा हाथ लगी है. आदर्श आचार संहिता की वजह से इसके लिए अभी 2 महीने का और इंतजार करना होगा. हालांकि, ट्रॉमा सेंटर के निर्माण की 70 से 80 फीसदी निर्माण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
मामला जिला मुख्यालय क्षेत्र में बन रहे ट्रॉमा सेंटर भवन से जुड़ा हुआ है. ट्रॉमा सेंटर भवन तैयार हो चुका है. उसकी फिनिश इन का कार्य भी पूरा हो चुका है. कई उपकरण भी लगाए जा चुके हैं. सक्शन क्लीनर और ऑक्सीजन की पाइप लाइन बिछा दी गई है. हालांकि, अभी वेंटिलेटर स्थापित नहीं हो पाया है. इसकी वजह से ट्रामा सेंटर को फाइनल टच नहीं दिया जा पा रहा है. चिकित्सा विभाग के अफसरों की मानें तो कई ऐसे उपकरण आने बाकी हैं जो ट्रामा सेंटर के लिए अनिवार्य घटक हैं. इसमें सीटी स्कैन मशीन, एम आर आई और कई गंभीर किस्म की जांच करने वाले उपकरण शामिल हैं. ये सभी उपकरण गंभीर बीमारियों या दुर्घटना पीड़ितों के लिए जीनवरक्षक का काम करते हैं.
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बीवी सिंह कहते हैं कि आदर्श आचार संहिता का प्रभाव पड़ा है. कुछ ऐसे उपकरण जो ट्रामा सेंटर के लिए अनिवार्य हैं, अभी नहीं आ सके हैं. इसकी वजह से लोकसभा चुनाव के बाद ही ट्रॉमा सेंटर का शुभारंभ हो संभव हो सकेगा. फिलहाल सेंटर की 80 फीसद तैयारी पूरी हो चुकी है.