सुलतानपुरः पूर्व कैबिनेट मंत्री और सांसद मेनका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नमो वन' का तोहफा देने का निर्णय लिया है. इसके तहत जनपद की सभी ग्राम पंचायतों में 'नमो वन' तैयार कराने की कवायद शुरू कर दी गई है. मनरेगा बजट से पौधे लगाए जाएंगे. मजदूरों को रोजगार मिलेगा और प्रकृति को हरियाली का उपहार.
नमो वन से प्रकृति को मिलेगी हरियाली. जॉब कार्ड से खाते में आएगा पैसा
मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत में काम करने वाले लोगों को 'नमो वन' में शामिल किया जाएगा. वह 'नमो वन' के लिए बेहतर मिट्टी तैयार करेंगे. इस वन के निर्माण के लिए देसी खाद का उपयोग किया जाएगा. इनके संरक्षण का दायित्व प्रधान सेक्रेटरी और वरिष्ठ नागरिकों को देने की तैयारी की गई है.
संरक्षित होंगे बहु उपयोगी पौधे
प्रभागीय वन अधिकारी आनंदकेश्वर ने बताया कि महुआ बहुत ही उपयोगी पौधा है. जो कम होता जा रहा है. यही नहीं देसी आम लगाने से लोग परहेज करते हुए चौसा और दशहरे को अहमियत दे रहे हैं. गांव में पत्तल पर खाने की परंपरा रही है. ढाक का पौधा कम रोपित होता है. जिससे यह विलुप्त होने की कगार पर है. नमोवन में ऐसे ही पौधे लगाकर संरक्षित किया जाएगा.
संरक्षित होंगी विलुप्त हरित प्रजातियां
आनंदकेश्वर ने बताया कि यहां पर विलुप्त हो रहे वैरायटी को लगाया जाएगा. देसी आम को लगाने की पहल काफी हल्की हो गई है. लोग चौसा, दशहरी जैसी बेहतर उत्पादन वाली वैरायटी का रोपण कर रहे हैं। पुरानी प्रजाति महुआ 25 साल में फल देती है. ऐसे में अधिक वर्ष तक जीने वाले पौधों को संरक्षित करने के लिए 'नमो वन' का चयन किया गया है.
दिखेगी राज्य पुष्प पलाश की बगिया
प्रभागीय वन अधिकारी आनंदकेश्वर कहते हैं कि पलाश से राज पुष्प है. इसकी बगिया तैयार करने और रोपण करने की तैयारी की जा रही है. कटहल ,पीपल, पाकड़, बरगद जैसे पौधों को भी संरक्षित करने के लिए 'नमो वन' में स्थान दिया जा रहा है.
986 ग्राम पंचायतों में होगा नमोवन: सीडीओ
मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स ने कहा कि यह सांसद मेनका गांधी की अच्छी पहल है. जिसके तहत 'नमो वन' स्थापित किया जा रहा है. महुआ, ढाक जैसे विलुप्त हो रही प्रजातियों को इसमें रोपित किया जाएगा. 986 ग्राम पंचायतों में 'नमो वन' स्थापित कराने के लिए कार्य चल रहा है. मनरेगा के बजट से मजदूरों को भुगतान किया जाएगा. उन्हें रोजगार के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा.