सुलतानपुरः ग्राम प्रधानों के कंधों पर पर ग्राम्य विकास का जिम्मा होता है. जब वही कर्तव्यविमूढ़ हो जाएं, तो ग्राम विकास की रफ्तार का क्या होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाएगा. कुछ ऐसा ही सुलतानपुर की ग्राम पंचायतों के साथ हुआ. 92 ग्राम पंचायतों को परफॉर्मेंस ग्रांट आनी थी, लेकिन प्रधानों की तरफ से प्रत्येक वर्ष की ऑडिट नहीं कराए जाने की वजह से परफॉर्मेंस ग्रांट के लिए एक भी ग्राम पंचायत का चयन नहीं हो सका. ऐसे में शासन से भेजी गई इमदाद का कोई लाभ जिले को नहीं मिल पाया.
मामला विकास विभाग की तरफ से आने वाले परफॉर्मेंस ग्रांट से जुड़ा हुआ है. सरकार की तरफ से 90 फीसदी धनराशि उन ग्राम में विकास के लिए भेजी जाती है, जो ग्राम पंचायतें बेहतर रोजगार के अवसर और कमाऊ ग्राम पंचायतें बनती हैं. कुल धनराशि में 10% का परफॉर्मेंस ग्रांट का हिस्सा होता है, लेकिन सुलतानपुर में प्रधानों की लापरवाही से एक भी ग्राम पंचायत को परफॉर्मेंस ग्रांट नहीं मिल सका.