सुलतानपुर: जिले के चांदा कोतवाली क्षेत्र के कोइरीपुर कस्बे में हुए तिहरे हत्याकांड में न्यायालय ने मुख्य आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. वहीं दूसरे आयुक्त को आजीवन कारावास की सजा देते हुए तीसरे आरोपी को बरी कर दिया गया है. 5 साल के लंबे अंतराल के बाद ट्रिपल मर्डर केस में पीड़ित पक्ष को न्यायालय से न्याय मिला है. सजा सुनाने के बाद दोषियों को सुलतानपुरजिला कारागार के लिए रवाना कर दिया गया.
न्यायाधीश पूनम सिंह ने सुनाई सजा 7 अक्टूबर 2015 को सरफुद्दीन की पत्नी अमीना और गांव के दूसरे पक्ष से लघुशंका करने को लेकर विवाद हो गया. इसी बीच लईक और उमर के इशारे पर तीसरा आरोपी लल्लू छूरा लेकर दौड़ा और ताबड़तोड़ वारकर सरफुद्दीन के भतीजे जौहर और गौहर के साथ उसके बेटे जावेद की नृशंस हत्या कर दी. वहीं गंभीर रूप से जख्मी मोइनुद्दीन को लखनऊ ट्रामा सेंटर पर किया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. मोइनुद्दीन की पत्नी अमीना भी गंभीर रूप से जख्मी हुई थी.
लघुशंका को लेकर हुआ था विवाद शासकीय अधिवक्ता मनोज दुबे ने बचाया कि "अमीना अपने घर पर कुछ काम कर रही थी. इसी बीच मुकदमे का अभियुक्त लईक पेशाब करने लगा. मना करने पर दोनों पक्षों के बीच विवाद हो गया. मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश पूनम सिंह ने लईक को फांसी और उमर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
सुलतानपुर में दूसरी बार हुई फांसी
सुलतानपुर जिला सत्र न्यायालय में फांसी सजा मिलने का यह दूसरा मामला है. इससे पहले जिले के देहात कोतवाली थाना क्षेत्र के हनुमानगंज में दीपू सिंह हत्याकांड में फांसी की सजा सुनाई गई थी. जो अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है. घटना के बाद कोर्ट परिसर में सन्नाटा दिखा. वहीं वादी पक्ष 5 साल बाद मिले न्याय के बाद काफी शांत अवस्था में देखे गए.