सुल्तानपुर: जिले में निष्प्रयोज्य भवन में बच्चे शिक्षा प्राप्त करने पहुंच रहे हैं. लेकिन बारिश से कभी भी स्कूल की इमारत गिरने की संभावना बनी रहती है. बच्चों के जीवन पर मंडरा रहे खतरे के प्रति बेसिक शिक्षा अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी संवेदनहीन बने हुए हैं.
सुल्तानपुर में डिहवा और घरहां प्राथमिक विद्यालय एक ही भवन में संचालित है. दोनों विद्यालयों को मिलाकर 72 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. प्रधानाचार्य के साथ एक पुरुष शिक्षक ने बताया कि पूर्व में ही इस भवन को जर्जर और उपयोग के लायक नहीं होने की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी गई थी. जिसके आधार पर तत्कालीन जिलाधिकारी ने इसे गिराने का आदेश जारी कर दिया था. इन बच्चों के अभिभावकों में भी इमारत की इस हालत को लेकर रोष है. यदि कभी अधिक बारिश के चलते इमारत गिर गई तो 70 बच्चों का जीवन संकट में पड़ सकता है.
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खौफ के साये में शिक्षा ग्रहण कर रहा देश का भविष्य, जर्जर भवन में लगती हैं कक्षाएं - सुल्तानपुर निष्प्रयोज्य भवन
सुल्तानपुर की जर्जर इमारत भारी बारिश से कभी भी गिर सकती है. इस इमारत में रोजाना 70 बच्चे पढ़ने आते है. परिजनों को बच्चों की चिंता है.डीएम से लंबे समय से इसे गिराने की मांग की जा रही है.
प्रधानाचार्य मालती सिंह ने बताया कि विद्यालय जर्जर और उपयोग नहीं होने के लायक घोषित किया जा चुका है. पूर्व की डीएम ने इसे गिराने का आदेश भी जारी कर दिया है. हम लोग खतरे के मुहाने पर बच्चों को शिक्षण कार्य करने के लिए विवश है. लंबे समय से नया भवन देने की मांग की जा रही है. महिला अभिभावक ने भी कहा कि भवन जर्जर और उपयोग के लायक नहीं होने से यह खतरे का विद्यालय बन गया है. हमारे बच्चे यहां सुरक्षित नहीं है. बच्चों को स्कूल भेजने से डर लगता है.
जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बताया कि निष्प्रयोज्य भवन में प्रथम दृष्टया प्राथमिक विद्यालय चलने का मामला संज्ञान में आया है. बेसिक शिक्षा अधिकारी से जांच पड़ताल कर रिपोर्ट तलब की जा रही है. आवश्यकता पड़ने पर किसी अन्य विद्यालय में अटैच करते हुए बच्चों के शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित कराने की व्यवस्था की जाएगी. पूरे मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है.
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