सुल्तानपुर:बलात्कार की नीयत से नाबालिग का अपहरण करने के मामले में कुड़वार थाने के दारोगा चुन्नूलाल की मुसीबत बढ़ गई है. दारोगा ने आरोपियों को बचाने के लिए मनमाने तरीके से तफ्तीश की थी. तीन दिन पहले स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने दारोगा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा तो दारोगा ने गलत विवेचना की बात कबूल कर ली. कोर्ट ने दारोगा के खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया है. कोर्ट ने अब और कड़ा रुख अपनाते हुए दरोगा के खिलाफ पुलिस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है. साथ ही दारोगा को 25 मई को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है.
पीड़ित नाबालिग के पिता के अनुसार बीते 18 मार्च को उसकी नाबालिग बेटी शौच के लिए गई थी. इस दौरान बलात्कार की नीयत बभनगवां निवासी रामकुमार, राजकुमार और उनके साथी कल्लू व अजय कुमार ने उसका अपहरण कर लिया. पुलिस को दी गई शिकायत में चारों को नामजद किया गया. लेकिन. पुलिस ने पीड़ित पक्ष की सूचना पर मुकदमा नहीं दर्ज किया. जिसके पश्चात पीड़ित पिता ने कोर्ट की शरण ली. बीते 14 अप्रैल को स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर निष्पक्ष जांच के लिए थानाध्यक्ष कुड़वार रवि कुमार सिंह को आदेशित किया था. इसके बाद मामले की तफ्तीश की जिम्मेदारी कुड़वार थाने के दरोगा चुन्नूलाल को मिली और 21 अप्रैल को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.
विवेचक दरोगा चुन्नूलाल ने मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद नाबालिग लड़की की बरामदगी कर ली. कोर्ट में उसका बयान दर्ज कराने के बाद नाबालिग होने के बावजूद बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के महत्वहीन साक्ष्यों को आधार बनाते हुए आरोपियों के पक्ष में गैरकानूनी ढंग से पीड़िता की सुपुर्दगी दे दी. यही नहीं आरोपियों को लाभ पहुंचाने की नीयत से विवेचक चुन्नूलाल ने मनमानी तफ्तीश कर उन्हें क्लीन चिट देते हुए मामले में फाइनल रिपोर्ट भी लगाकर कोर्ट में प्रेषित कर दिया.