सुलतानपुर : छठे चरण में चल रहे चुनाव को लेकर नौजवान, बुजुर्ग और दिव्यागों में खासा उत्साह दिखा. जो बुजुर्ग और दिव्यांग चल नहीं पा रहे हैं उनके परिजन उनको गोद में लेकर या कंधों पर पोलिंग बूथ तक पहुंचे.
नहीं दिखी चुनाव आयोग की तैयारी, कुछ इस तरह से बूथ तक पहुंचे बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता
निर्वाचन आयोग की तरफ से प्रत्येक बूथ पर व्हीलचेयर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था. जिला मुख्यालय पर तो यह व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रही लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में इसका अभाव रहा. ईटीवी भारत ने जब इस प्रकरण पर फोकस किया तो हकीकत खुलकर सामने आ गई.
जिले में मतदान को लेकर युवाओं और बुजुर्गों में खासा उत्साह देखने को मिला. इसके अलावा युवा मतदाता अपने बुजुर्ग परिजनों को भी सहारा देकर मतदान केंद्रों तक लेकर गए. रविवार को हुए मतदान में धनपत कस्बा निवासी जैनफ, रामकलप, मझवारा निवासिनी कलावती जैसे बुजुर्ग मतदाताओं ने उम्र के इस पड़ाव में बिना सुविधाओं के वोट डाला.
निर्वाचन आयोग ने हर बूथ पर व्हील चेयर की व्यवस्था करने का आदेश जिलाधिकारी को दिया था, लेकिन अफसरशाही का आलम यह रहा कि ग्रामीण क्षेत्र के बूथों पर व्हील चेयर का अभाव ही रहा. वरिष्ठ नागरिक परिजनों के कंधों के सहारे मतदान केंद्र तक पहुंचे. इनमें 80 से 90 साल के लोगों की तादाद ऐसी रही, जो अपने पैरों पर चल भी नहीं सकते थे लेकिन हौसला बुलंद था. मतदाता कंधों के सहारे मतदान करने पहुंचे और राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा लोगों में जगाई.
वैसे तो वरिष्ठ नागरिक सम्मान की प्रतीक माने जाते हैं. शासन हो या प्रशासन हर किसी को इनका खास ख्याल करना चाहिए. ऐसी व्यवस्था है भी लेकिन सुलतानपुर जिले में अधिकारी जिला मुख्यालय तक ही संसाधनों की उपलब्धता का दावा करते हैं. लेकिन धनपतगंज ब्लॉक में यह बूथ इसकी हकीकत बयां कर रहा है जहां वरिष्ठ नागरिक बड़ी संख्या में वोट देने आते हैं. ऐसे वरिष्ठ नागरिक जो घर पर चल फिर भी नहीं सकते हैं. वह भी लोकसभा 2019 के छठवें चरण का मतदान करने बड़े जोश के साथ पहुंचे. कई नागरिकों ने कहा कि मतदान पर्व देखकर हमारी सारी बीमारियां रफूचक्कर हो गई हैं, लेकिन अफसरों की संवेदना नहीं जागी कि व्हील चेयर की व्यवस्था करा दी जाए.