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सुलतानपुर: समाजवादी युवजन सभा ने हथकड़ी के साथ सौंपा ज्ञापन - कानपुर एनकाउंटर

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में समाजवादी युवजन सभा ने विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल खड़ा किया है. इस संबंध में युवजन सभा कार्यकर्ताओं ने हथकड़ी के साथ प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने पुलिस को हथकड़ी देने की मांग की है, जिससे की फर्जी एनकाउंटर पर रोक लगाई जा सके.

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समाजवादी युवजन सभा ने हथकड़ी के साथ सौंपा ज्ञापन.

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Published : Jul 13, 2020, 4:10 PM IST

सुलतानपुर : समाजवादी पार्टी युवजन सभा ने विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए जिला प्रशासन को हथकड़ी के साथ ज्ञापन सौंपा है. सपाइयों ने पुलिस वालों को हथकड़ी देने की मांग की है, जिससे कि फर्जी एनकाउंटर पर रोक लगाई जा सके.

समाजवादी युवजन सभा के कार्यकर्ता सोमवार को हाथों में हथकड़ी लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां पर प्रशासनिक अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी के नाम का ज्ञापन सौंपा. कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन से साथ हथकड़ी भी मुख्यमंत्री को भेजने की मांग की है. वहीं पुलिसकर्मियों को भी हथकड़ी देने की मांग की है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि पुलिस को हथकड़ी लगने से हो रहे फर्जी एनकाउंटर पर लगाम लग सकेगी.


समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश सचिव राहुल उपाध्याय ने कहा कि हमने जंजीर के रूप में हथकड़ी ज्ञापन के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा है. सीएम योगी के माध्यम से हथकड़ी को पुलिसकर्मियों को मुहैया कराया जाए. उन्होंने कहा कि बिना अपराध साबित हुए बेगुनाहों की एनकाउंटर के नाम पर हत्या न की जाए. अपराधी को टाटा सफारी की गाड़ी में बैठाया जाता है और हादसा टीयूवी गाड़ी में दर्शाया जाता है.

सपा कार्यकर्ताओं ने योगी सरकार के यह नाटक बंद करने और इस्तीफा देने की मांग की है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि अधिकारी और सफेदपोशों को बचाने के लिए प्रदेश सरकार इस तरह के एनकाउंटर का नाटक कर रही है.

दरअसल कानपुर मुठभेड़ के मुख्य आरोपी विकास दुबे को 9 जुलाई को एमपी पुलिस ने उज्जैन से गिरफ्तार किया था. इसी दिन एमपी पुलिस ने यूपी एसटीएफ को उसे सौंप दिया और देर रात एसटीएफ उसे लेकर कानपुर के लिए रवाना हुई. 10 जुलाई को कानपुर पहुंचने से पहले एसटीएफ ने जिस गाड़ी में विकास दुबे को बैठाया गया था, वह अचानक से पलट गई.

इस दौरान मौके का फायदा उठाकर वह एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने लगा और जब उसे पुलिस ने सरेंडर करने के लिए कहा, तो उसने फायरिंग शुरू कर दी. एसटीएफ की ओर से जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से वह घायल हो गया था. उसे इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.

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