सुलतानपुर: साथी तुम किस देश चलोगे, तुम भी राही मैं भी राही. मेरा साथ कहां तक दोगे, तुम भी रही मैं भी राही. अजमल सुलतानपुरी की इन पंक्तियों का चित्रण करने का सुलतानपुर नगर पालिका प्रशासन ने जिम्मा उठाया है. अजमल सुलतानपुरी शहर के जिस मोहल्ले में रहते थे, वहां से गुजरने वाली सड़क को अजमल सुलतानपुरी मार्ग का नाम दिया जा रहा है.
शिलापट्ट के माध्यम से अजमल की दिलाई जाएगी याद
सड़क के दोनों छोर पर अजमल सुलतानपुरी मार्ग के शिलापट्ट लगाए जाएंगे, जिससे यहां से गुजरने वाले लोगों को अजमल सुल्तानपुरी के संदेश की याद दिलाई जा सके. गंगा जमुनी तहजीब के वास्तविक चित्रण का एहसास सड़क के नाम के माध्यम से कराने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि शिलापट्ट पहले लगाया गया था लेकिन असहयोग के चलते मार्ग को मूर्त रूप नहीं दिया जा सका था.