सुलतानपुर: एक तो पहले से ही गरीब घर में जन्म हुआ, ऊपर से टीबी ने अपनी चपेट में ले लिया. भोजन का संकट पहले से था. ऐसे में इन गरीब परिवार के नन्हे-मुन्ने बच्चों का सहारा बनकर इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी सामने आई है. सोसायटी के पदाधिकारियों ने टीबी को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है.
सोसायटी ने सामाजिक क्षेत्र में काम करने वालों को किया सम्मानित. गरीबों की मदद करती है सोसायटी
सुलतानपुर की यह इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी ऐसे गरीब, वंचित, अनाथ और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए वरदान है, जो टीबी जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. इन परिवारों के पास पैसा नहीं है कि वे अपना इलाज करा सकें. ऐसे में सोसायटी उनकी मदद करती है. इलाज कराती है और आर्थिक सहयोग भी करती है.
बांटे गए कंबल और वस्त्र
रेड क्रॉस सोसायटी की सदस्य डॉ. अंजना कश्यप कहती हैं कि इन मरीजों में, जो बच्चे कलाकार थे, उन्हें ड्राइंग कंपटीशन में पुरस्कृत किया गया है. वहीं अन्य सदस्य डॉ. डीएस मिश्रा कहते हैं कि टीबी पीड़ित बच्चों के इलाज, जरूरी सामग्रियों और भोजन का इंतजाम इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी की तरफ से किया जाता है. इनके अभिभावक, जो गरीब हैं, उन्हें कंबल और ठंड से बचने के वस्त्र दिए गए हैं.
टीबी मरीजों को चिन्हित कर कराया जाता है इलाज
डॉ. डीएस मिश्रा ने बताया कि मलिन बस्तियां टीबी का सर्वाधिक सुलभ स्थान मानी जाती है. यहां के बच्चे सर्वाधिक चपेट में आते हैं. उन्होंने बताया कि डॉट्स, जो सरकार की संस्था है, के माध्यम से मदद लेते हुए हम ऐसे मरीज और बच्चों को टीबी की दवाएं उपलब्ध कराते हैं, जो बहुत गरीब हैं और असक्षम हैं. अपना इलाज नहीं करा सकते हैं. ऐसे लोगों की एक सूची बनाई गई है. उन्हें चिन्हित करके उनका इलाज कराया जाता है.
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