सुलतानपुरःजिला सत्र न्यायालय में हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ श्रीरामचरितमानस पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय महासचिव एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ परिवाद दर्ज किया गया है. कोर्ट परिवाद अर्जी को स्वीकार करते हुए कोतवाली पुलिस से रिपोर्ट तलब की है.
ज्ञानेंद्र तिवारी के अधिवक्ता संतोष कुमार पाण्डेय ने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्या ने 22 जनवरी 2023 को राम चरित मानस जो कि हिंदुओं का एक पवित्र धर्म ग्रंथ है. उस पर अमर्यादित टिप्पणी की थी. उसी अमर्यादित टिप्पणी को लेकर के आज न्यायालय में परिवाद दाखिल किया गया है. जिस पर न्यायालय ने परिवाद पत्र पर कोतवाली नगर से आख्या तलब की है. साथ ही 4 फरवरी की तारीख नियत की है.
ज्ञानेंद्र तिवारी ने बताया कि समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या विधान परिषद के सदस्य हैं. उनके द्वारा हमारे भारतीय संस्कृति, सनातन संस्कृति का एक पवित्र ग्रंथ श्रीराम चरित्र मानस पर अमर्यादित टिप्पणी की गई थी. साथ ही एमएलसी ने कहा था कि भारत सरकार या प्रदेश सरकार उसकी बिक्री पर भी बैन कर दे. जो उसमें श्लोक लिखे गये हैं, चौपाइयां लिखी गई हैं, उसको निकाला जाए.