सुल्तानपुर : बेसिक शिक्षा विभाग में एक अजब कारनामा सामने आया है. सुल्तानपुर जिले के एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य ने ऐसा भ्रष्टाचार किया कि किसी के गले नहीं उतर रहा. दरअसल, प्रधानाचार्य की ऐसे प्राथमिक विद्यालय में तैनाती है, जिसका भवन पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के रास्ते में आने के चलते ध्वस्त कर दिया गया था. इसके बाद से प्राथमिक विद्यालय पेड़ के नीचे चल रहा है. प्रधानाचार्य ने पेड़ के नीचे चलने वाले प्राथमिक विद्यालय में दरवाजे भी लगवा दिए और रंगाई-पुताई भी करा दी. इसके लिए उन्होंने प्राथमिक विद्यालय की कंपोजिट ग्रांट से करीब डेढ़ लाख रुपए भी निकाल लिए और रिपोर्ट भेज दी. यानी प्रधानाचार्य ने पेड़ पर गेट और पत्तों की रंगाई-पुताई करा डाली. एबीएसए ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कराई है. इस रिपोर्ट पर बीएसए ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित करके मामले की पड़ताल शुरू करा दी है.
पूरा मामला सुल्तानपुर जिले के धनपतगंज ब्लाक अंतर्गत मधुकरा प्राथमिक विद्यालय से जुड़ा हुआ है. बताया जाता है कि फरवरी 2018 के बाद विद्यालय का मूल ढांचा ध्वस्त हो गया. वहां से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे गुजरा और विद्यालय को खत्म कर एक्सप्रेस-वे की पट्टियां तैयार कर दी गईं. इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग के तहत तैनात प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद पांडेय निवासी ब्लाक धनपतगंज का कारनामा सामने आया है. विद्यालय के ढांचा ध्वस्त होने के बाद पेड़ के नीचे शिक्षण कार्य शुरू किया गया. इस दौरान ऊपर पेड़ के पत्ते और डालियों के अलावा शिक्षण स्थल पर कुछ भी नहीं था, जिससे माना जा रहा है कि डालियों पर गेट लगाया गया और पेड़ पत्तों पर पुताई कराई गई. फर्जी भ्रष्टाचार की रिपोर्ट तैयार कर लगभग डेढ़ लाख की रकम डकार ली गई. सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी नरेंद्र पाल सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी भदैंया मनोजीत राव और कूरेभार खंड शिक्षा अधिकारी रामतीरथ वर्मा को जांच की कमान सौंपी गई है.