उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

पास्को कोर्ट ने एडिशनल एसपी से किया जवाब-तलब, केस दर्ज कर विधिक कार्यवाही की चेतावनी - पास्को कोर्ट

अमेठी की रहने वाली एक मासूम पीड़िता की मां ने घटना के समय अपनी बच्ची की उम्र करीब आठ वर्ष बताते हुए बाजार शुकुल थाने में इसी क्षेत्र के आरोपी मुकेश कुमार तिवारी के खिलाफ 20 नवंबर 2013 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया.

crime
सुल्तानपुर : पास्को कोर्ट ने एडिशनल एसपी से किया जवाब-तलब, केस दर्ज कर विधिक कार्यवाही की चेतावनी

By

Published : Mar 4, 2022, 8:47 PM IST

Updated : Mar 4, 2022, 10:17 PM IST

सुलतानपुर. मासूम संग हुए लैंगिक अपराध से जुड़े मामले में बगैर उम्र संबंधी साक्ष्य जुटाए एवं मेडिकल कराए सरसरी तौर पर विवेचक ने अपनी तफ्तीश पूरी कर पांच दिन में चार्जशीट दाखिल कर दी.

ट्रायल के दौरान इस केस में संज्ञान लेते हुए स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने विवेचना करने वाले मौजूदा अपर पुलिस अधीक्षक विपुल कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ नियम-कानून को ताक पर रखकर त्रुटिपूर्ण विवेचना करने से संबंधित नोटिस जारी किया है. साथ ही केस दर्ज करने एवं विधिक कार्यवाही की चेतावनी देते हुए शनिवार तक स्पष्टीकरण देने को कहा है.

गौरतलब है कि अमेठी की रहने वाली एक मासूम पीड़िता की मां ने घटना के समय अपनी बच्ची की उम्र करीब आठ वर्ष बताते हुए बाजार शुकुल थाने में इसी क्षेत्र के आरोपी मुकेश कुमार तिवारी के खिलाफ 20 नवंबर 2013 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया. आरोप के मुताबिक उसकी मासूम पुत्री को आरोपी उठाकर ले गया और दुराचार किया. इस मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई करने पर आरोपी मुकेश तिवारी के जरिये पीड़ित पक्ष को जान से मार डालने की धमकी देने का भी आरोप लगा.

मामले की तफ्तीश तत्कालीन क्षेत्राधिकारी मुसाफिरखाना विपुल कुमार श्रीवास्तव को मिली जिन्होंने पांच दिनों में अपनी तफ्तीश पूरी कर आपराधिक बल प्रयोग, धमकी एवं पॉक्सो एक्ट व एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में आरोप-पत्र दाखिल कर दिया. हालांकि उसमें कई त्रुटियां शेष रह गईं.

यह भी पढ़ें :यूक्रेन से लौटी छात्रा का छलका दर्द, कहा-जिंदगी और मौत से जूझते हुए पहुंची भारत

मुकदमे का ट्रायल स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत में चल रहा है. इसमें अदालत ने संज्ञान लिया तो पता चला कि विवेचक के जरिये पीड़िता का उम्र संबंधी कोई प्रमाण लिया ही नहीं गया. न ही पीड़िता का डॉक्टरी परीक्षण कराया गया. यहां तक कि पीड़िता की हड्डियों से संबंधित एक्स-रे एवं कोई उम्र प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए बगैर ही विवेचक ने मनमानी तफ्तीश कर चार्जशीट दाखिल कर दी.

इससे कानूनन यह स्पष्ट ही नहीं है कि घटना के समय पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से कम थी या अधिक. इस पर संज्ञान लेते हुए अदालत का मानना है कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि नियम-कानून को ताक पर रखते हुए विवेचक ने सरसरी तौर पर तफ्तीश पूरीकर आरोप-पत्र दाखिल कर दिया है.

अदालत ने इस संबंध में तत्कालीन क्षेत्राधिकारी मुसाफिरखाना एवं वर्तमान अपर पुलिस अधीक्षक सुलतानपुर विपुल कुमार श्रीवास्तव को चेतावनी के साथ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है. पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ त्रुटिपूर्ण विवेचना करने के संबंध में क्यों न भारतीय दंड संहिता की विविध धाराओं एवं दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत केस दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाय.

अदालत ने नोटिस जारी कर अपर पुलिस अधीक्षक विपुल कुमार श्रीवास्तव को पांच मार्च यानी कल तक इस संबंध में अपनी रिपोर्ट कोर्ट को उपलब्ध कराने के लिए आदेशित किया है.

Last Updated : Mar 4, 2022, 10:17 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details